अजमेर के 'सेवन वंडर्स पार्क' का ध्वंस: स्मार्ट सिटी का सपना चूर
अजमेर में 'सेवन वंडर्स पार्क' का अंत
अजमेर में स्मार्ट सिटी के तहत निर्मित 'सेवन वंडर्स पार्क' अब इतिहास का हिस्सा बन गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इन संरचनाओं को ध्वस्त किया जा रहा है, जो कभी शहर की शान मानी जाती थीं। यह जानना जरूरी है कि आखिर इन आकर्षक ढांचों का अंत क्यों हुआ।इस पार्क का निर्माण 2022 में लगभग 12 करोड़ रुपये की लागत से हुआ था और इसे पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उद्घाटन किया था। अब, इन ढांचों को गैरकानूनी घोषित कर दिया गया है, जिससे जनता में गुस्सा है कि सार्वजनिक धन का इस तरह से दुरुपयोग क्यों हुआ।
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि किसी शहर को 'स्मार्ट' बनाने के लिए जल स्रोतों और वेटलैंड्स की सुरक्षा अनिवार्य है। मार्च 2025 में, कोर्ट ने अजमेर विकास प्राधिकरण (ADA) की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि जल निकायों पर कब्जा करके विकास नहीं किया जा सकता।
प्रशासन ने हलफनामा दाखिल कर आश्वासन दिया कि 17 सितंबर से पहले सभी अवैध संरचनाएं गिरा दी जाएंगी। इसी क्रम में हाल ही में कार्रवाई शुरू हुई है।
पहले दिन रोम का कोलोसियम पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया। एफिल टावर को तीन हिस्सों में काटकर नीचे उतारा गया, जबकि क्राइस्ट द रिडीमर की मूर्ति को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया। मिस्र का पिरामिड भी गिरने लगा। दूसरे दिन ताजमहल और पीसा की मीनार को हटाने की तैयारी की गई।
लोगों की आंखों के सामने ये प्रतीकात्मक ढांचे गिरते गए, जो कभी अजमेर की पहचान बन चुके थे।