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अज़रबैजान का भारत पर आरोप: SCO में सदस्यता में बाधा

अज़रबैजान ने भारत पर आरोप लगाया है कि वह पाकिस्तान के साथ उसके संबंधों के चलते SCO में उसकी सदस्यता में बाधा डाल रहा है। यह आरोप उस समय आया है जब SCO में विस्तार की चर्चा हो रही है। अज़रबैजान, जो वर्तमान में SCO में एक 'डायलॉग पार्टनर' है, भारत के इस कदम को कूटनीतिक संदेश मानता है। इसके अलावा, नागोर्नो-काराबाख संघर्ष भी दोनों देशों के बीच तनाव का एक महत्वपूर्ण कारण है। जानें इस विवाद की पूरी कहानी।
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अज़रबैजान का भारत पर आरोप: SCO में सदस्यता में बाधा

अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में नया विवाद

अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में एक नया विवाद उभरकर सामने आया है। अज़रबैजान ने भारत पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि भारत, पाकिस्तान के साथ उसके घनिष्ठ संबंधों के कारण शंघाई सहयोग संगठन (SCO) में उसकी पूर्ण सदस्यता की दावेदारी में बाधा डाल रहा है। यह जानकारी उस समय आई है जब SCO, जो एक महत्वपूर्ण यूरेशियन राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा संगठन है, में विस्तार की चर्चा चल रही है। वर्तमान में, अज़रबैजान इस संगठन में एक 'डायलॉग पार्टनर' के रूप में शामिल है और पूर्ण सदस्यता की कोशिश कर रहा है।


अज़रबैजान यह आरोप क्यों लगा रहा है? एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अज़रबैजान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि भारत जानबूझकर उनके देश की सदस्यता का विरोध कर रहा है। इसके पीछे अज़रबैजान और पाकिस्तान के बीच की गहरी दोस्ती को मुख्य कारण माना जा रहा है। अज़रबैजान कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर, विशेषकर कश्मीर मुद्दे पर, पाकिस्तान का समर्थन करता रहा है, जो भारत को असहज करता है। माना जा रहा है कि भारत इसी कारण से नाखुश है और SCO जैसे महत्वपूर्ण मंच पर अज़रबैजान के प्रवेश को रोककर एक कड़ा कूटनीतिक संदेश देना चाहता है।


इसके अलावा, भारत और अज़रबैजान के रिश्तों में तनाव का एक और कारण नागोर्नो-काराबाख संघर्ष भी है। इस संघर्ष में भारत ने कूटनीतिक रूप से अज़रबैजान के प्रतिद्वंद्वी आर्मेनिया का समर्थन किया है।