अडानी समूह का नया विस्तार: परमाणु ऊर्जा और हॉस्पिटलिटी में एंट्री
अरावली और प्रदूषण पर मीम्स का वायरल होना
वर्तमान में, अरावली और प्रदूषण जैसे मुद्दे देश में चर्चा का विषय बने हुए हैं। सोशल मीडिया पर इन विषयों पर कई मजेदार मीम्स बन रहे हैं, जिनमें प्राकृतिक संसाधनों के बंटवारे को लेकर एक मीम काफी लोकप्रिय हो रहा है। इस मीम में तीन पात्रों को दर्शाया गया है: सरकार, अंबानी और अडानी, और बैकग्राउंड में प्रसिद्ध गजल की पंक्तियाँ चल रही हैं, ‘जंगल तेरे, पर्वत तेरे, बस्ती तेरी, सहरा तेरा…’।
इसी बीच, गौतम अडानी की कंपनी के विस्तार की नई योजनाओं पर चर्चा शुरू हो गई है। कंपनी ने कई नए क्षेत्रों में प्रवेश करने की घोषणा की है, जिनमें से एक परमाणु ऊर्जा का क्षेत्र है। यह एक संयोग है कि संसद के शीतकालीन सत्र में केंद्र सरकार ने परमाणु ऊर्जा बिल को पारित किया, जिसमें कंपनियों की जिम्मेदारी के प्रावधानों को ढीला किया गया और निजी कंपनियों को इस क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति दी गई।
अडानी समूह की नई परियोजनाएँ
इसके तुरंत बाद, यह जानकारी सामने आई कि अडानी समूह दो सौ मेगावाट के आठ स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर स्थापित करेगा। कांग्रेस के जयराम रमेश ने परमाणु ऊर्जा के लिए लाए गए इस बिल को अडानी और ट्रंप बिल का नाम दिया।
इसके अलावा, अडानी समूह हॉस्पिटलिटी क्षेत्र में भी बड़ी एंट्री करने जा रहा है। कंपनी 60 नए होटल बनाने की योजना बना रही है। कहा जा रहा है कि कंपनी हवाईअड्डों के संचालन को हॉस्पिटलिटी के साथ जोड़ने की कोशिश कर रही है। इस बीच, भारत सरकार 11 और हवाईअड्डों को निजी हाथों में देने के लिए टेंडर जारी करने जा रही है, और अडानी समूह इन सभी हवाईअड्डों के लिए बोली लगाने की योजना बना रहा है। वर्तमान में, अडानी समूह के पास पहले से ही सात हवाईअड्डों का संचालन है, जिनमें मुंबई और नवी मुंबई शामिल हैं।
