अनिल अंबानी ने 17000 करोड़ के लोन फ्रॉड मामले में ED के समक्ष पेश होकर दी जानकारी

अनिल अंबानी की ED में पेशी
अनिल अंबानी समाचार: अनिल अंबानी आज 17000 करोड़ रुपये के लोन धोखाधड़ी मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समक्ष उपस्थित हुए। लगभग 9 घंटे की पूछताछ के बाद, वे ED कार्यालय से बाहर निकले और अपनी गाड़ी में बैठकर चले गए। उन्हें इस मामले में ED की चल रही जांच के तहत बुलाया गया था।
मामले का विवरण
यह ध्यान देने योग्य है कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच मनी लॉन्ड्रिंग और रिलायंस ग्रुप की कंपनियों, जैसे रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL), रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (RCFL) और रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom) की नॉन परफॉर्मिंग एसेट से संबंधित है। नॉन परफॉर्मिंग एसेट वह लोन होता है, जो 90 दिन से अधिक समय तक बकाया रहता है और जिस पर मूलधन या ब्याज का भुगतान नहीं किया जाता है।
आरोपों की जांच
ED यह जानने की कोशिश कर रही है कि क्या 20 सार्वजनिक और निजी बैंकों से लिए गए 17000 करोड़ रुपये के लोन को शेल कंपनियों के माध्यम से डायवर्ट किया गया है। विशेष रूप से, यस बैंक से 2017-2019 के बीच लिए गए 3000 करोड़ रुपये के लोन पर सवाल उठाए गए हैं, जिसमें रिश्वत देकर और अनुचित तरीके से लोन की मंजूरी लेने के आरोप शामिल हैं।
पहले की कार्रवाई
ED ने 24-26 जुलाई 2025 को मुंबई और दिल्ली में रिलायंस ग्रुप के 35 स्थानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान कई दस्तावेज और डिजिटल रिकॉर्ड जब्त किए गए थे। अनिल अंबानी के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (LOC) भी जारी किया गया था, जिसके अनुसार वे देश छोड़कर नहीं जा सकते।
रिलायंस ग्रुप का बयान
रिलायंस ग्रुप ने यह दावा किया है कि उसने 6500 करोड़ रुपये की वसूली के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट में एक समझौता दायर किया है और कंपनी पर कोई देनदारी नहीं है।
अनिल अंबानी का बयान
अनिल अंबानी ने 5 अगस्त 2025 को ED के सामने पेश होकर अपने बयान दर्ज कराए, जिसमें उन्होंने किसी भी गलत कार्य में शामिल होने से इनकार किया। ED ने संकेत दिया है कि उन्हें 10 दिन के भीतर फिर से तलब किया जा सकता है।