अनुराग सिंह ठाकुर ने विश्व मानक दिवस पर प्रस्तुत किया मानक उत्कृष्टता का एजेंडा

भारतीय मानक बनेंगे वैश्विक मानक
-अनुराग सिंह ठाकुर ने बद्दी में मानक उत्कृष्टता के लिए पाँच सूत्रीय एजेंडा प्रस्तुत किया
सोलन: पूर्व केंद्रीय मंत्री और हमीरपुर के सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने आज देवभूमि हिमाचल के ज़िला सोलन में भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) परवाणू में विश्व मानक दिवस 2025 के अवसर पर एक व्यापक पाँच सूत्रीय व्यावहारिक एजेंडा पेश किया। इस एजेंडे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'शून्य दोष, शून्य प्रभाव' के सिद्धांत को ध्यान में रखा गया है।
ठाकुर ने बीआईएस के कार्यक्रम में भारत की गुणवत्ता मानकों के क्षेत्र में पिछले एक दशक में हुई प्रगति पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि 2014 में यूपीए सरकार के समय केवल 14 गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (क्यूसीओ) थे, जबकि अब मोदी सरकार के तहत यह संख्या बढ़कर 187 हो गई है। उन्होंने कहा कि यह बदलाव घटिया गुणवत्ता को मानक मानने से हटकर उत्कृष्टता की ओर बढ़ने का संकेत है।
अनुराग सिंह ठाकुर ने मानक उत्कृष्टता के लिए पाँच प्रमुख व्यावहारिक एजेंडा का एक रोडमैप प्रस्तुत किया।
1. एमएसएमई और स्टार्ट-अप्स तक मानकों की पहुँच को गहरा करें
उन्होंने कहा कि व्यावहारिक मार्गदर्शन और स्थानीय प्रशिक्षण से छोटी इकाइयों को वैश्विक बाजारों में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।
2. मानकों को स्थिरता मानकों से जोड़ें
पर्यावरणीय ज़िम्मेदारी पर जोर देते हुए, उन्होंने ऐसे मानकों की आवश्यकता बताई जो जीवनचक्र मूल्यांकन और ऊर्जा दक्षता को शामिल करें।
3. इंजीनियरिंग और प्रबंधन पाठ्यक्रमों में मानक साक्षरता को बढ़ावा देना
उन्होंने सुझाव दिया कि शिक्षकों को युवाओं को मानकों का ज्ञान देने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
4. तेज़, डिजिटल और पारदर्शी प्रमाणन मार्गों को बढ़ावा देना
ठाकुर ने बताया कि स्थानीयकरण और डिजिटल उपकरणों के उपयोग से भारत के स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को समर्थन मिल रहा है।
5. स्थानीय आवश्यकताओं की रक्षा करते हुए अंतर्राष्ट्रीय समन्वय को प्रोत्साहित करें
उन्होंने वैश्विक मानकों के साथ सामंजस्यता को बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
ठाकुर ने प्रधानमंत्री मोदी की गुणवत्ता उत्कृष्टता के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराया और कहा कि भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लिए मानकों की उत्कृष्टता आवश्यक है। उन्होंने उपभोक्ताओं से प्रमाणित और सुरक्षित उत्पादों की मांग करने का आग्रह किया।
उन्होंने बताया कि उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की पहलों ने नागरिकों को गुणवत्ता और उचित मूल्य की मांग करने के लिए सशक्त बनाया है। आने वाले समय में, भारतीय मानक वैश्विक मानक बनने की दिशा में अग्रसर हैं।