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अनुराधा ने ऑपरेशन सिंदूर में उत्कृष्टता दिखाई, मिला सर्वश्रेष्ठ कर्मचारी का पुरस्कार

चरखी दादरी की अनुराधा ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अपनी उत्कृष्टता से सर्वश्रेष्ठ कर्मचारी का पुरस्कार जीता है। उनके पिता, जो कारगिल युद्ध में सेवा दे चुके हैं, ने उन्हें प्रेरित किया। अनुराधा का मानना है कि देश सेवा हर भारतीय के लिए सर्वोपरि होनी चाहिए। उनकी कहानी न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह देश की बेटियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत है। जानें उनके समर्पण और कार्य के बारे में।
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अनुराधा ने ऑपरेशन सिंदूर में उत्कृष्टता दिखाई, मिला सर्वश्रेष्ठ कर्मचारी का पुरस्कार

अनुराधा की उपलब्धि: देश सेवा में उत्कृष्टता

चरखी दादरी की अनुराधा ने देश के लिए अपनी सेवाओं से एक नई मिसाल कायम की है। उन्होंने 505 आर्मी बेस वर्कशॉप में कार्य करते हुए अपनी मेहनत और देशभक्ति के लिए सर्वश्रेष्ठ कर्मचारी का पुरस्कार प्राप्त किया है। यह सम्मान उन्हें ऑपरेशन सिंदूर के दौरान किए गए उनके समर्पित कार्य के लिए दिया गया।


पिता की प्रेरणा से सेना में शामिल हुईं अनुराधा

अनुराधा के पिता, आजाद सिंह, ने कारगिल युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। जब अनुराधा केवल 5 वर्ष की थीं, तब उनके पिता ने सेना में भर्ती होकर देश सेवा की शुरुआत की। उनके पिता की छुट्टियों के दौरान पूछे गए सवालों ने अनुराधा को प्रेरित किया और उन्होंने भारतीय सेना में शामिल होने का निर्णय लिया।


देश सेवा को प्राथमिकता देती हैं अनुराधा

अनुराधा ने अपनी इस उपलब्धि पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि हर भारतीय के लिए देश की सेवा सर्वोपरि होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि वह अपने आप को भाग्यशाली मानती हैं कि उन्हें देश की सेवा करने का अवसर मिला है।


ऑपरेशन सिंदूर में योगदान

अनुराधा ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तकनीकी विभाग में महत्वपूर्ण कार्य किया। उन्होंने दिन-रात सेना के टैंकों की जांच की और उन्हें ऑपरेशन के लिए तैयार किया। उनके समर्पण और तकनीकी कौशल ने भारतीय सेना की कार्यक्षमता को और मजबूत किया है। यह सम्मान न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह देश की बेटियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत है।