अफगानिस्तान में भूकंप का कहर: 1,400 से अधिक लोगों की जान गई

अफगानिस्तान में भूकंप की तबाही
Afghanistan Earthquake: अफगानिस्तान में प्राकृतिक आपदाओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार की रात को 6.0 तीव्रता का भूकंप आया, जिसने देश को हिला कर रख दिया। इस आपदा में 1,400 से ज्यादा लोगों की जान चली गई और हजारों लोग घायल हुए। लोग अभी इस त्रासदी से उबर भी नहीं पाए थे कि मंगलवार को एक और भूकंप का झटका महसूस किया गया। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, यह भूकंप 5.2 तीव्रता का था और इसका केंद्र नंगरहार प्रांत के जलालाबाद से 34 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में था।
कुनार प्रांत में भारी नुकसान
भूकंप से सबसे अधिक नुकसान कुनार प्रांत में हुआ है, जहां हजारों घर मलबे में तब्दील हो गए हैं। राहत और बचाव कार्य जारी है, लेकिन पहाड़ी क्षेत्रों में पहुंचना बेहद कठिन हो रहा है। संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ सहित कई देशों ने सहायता के लिए हाथ बढ़ाए हैं, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा संसाधन जरूरतों के मुकाबले बहुत कम हैं।
कुनार में जनहानि की स्थिति
तालिबान सरकार के प्रवक्ता ज़बीहुल्ला मुजाहिद ने बताया कि केवल कुनार प्रांत में 1,411 लोगों की मौत हुई है और 3,124 लोग घायल हुए हैं। सरकारी प्रवक्ता हमदुल्ला फ़ित्रत ने कहा कि कुनार में 5,400 से अधिक घर पूरी तरह से ढह गए हैं। राहत शिविरों और आपातकालीन सुविधाओं की व्यवस्था की जा रही है।
नंगरहार में भी स्थिति गंभीर
नंगरहार प्रांत में भी कई लोगों की मौत और घायल होने की खबरें आई हैं। जलालाबाद के अस्पतालों में घायलों की संख्या बढ़ती जा रही है। अस्पताल के आपातकालीन वार्ड के प्रमुख रहमतुल्लाह खाकसर के अनुसार, रविवार रात से अब तक 600 घायल अस्पताल पहुंचे हैं, जिनमें से अधिकांश सिर, पीठ और पैरों पर गंभीर चोटों से जूझ रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय सहायता की घोषणा
यूरोपीय संघ ने 130 टन आपातकालीन सामग्री भेजने और एक मिलियन यूरो की सहायता देने की घोषणा की है। अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस और रेड क्रीसेंट सोसाइटीज ने कहा है कि जरूरतें मौजूदा संसाधनों से कहीं अधिक हैं। फंडिंग में कटौती के कारण दूरदराज के इलाकों तक पहुंचना और भी कठिन हो गया है।
स्थानीय लोगों की स्थिति
दूरदराज के गांवों में लोग अपने हाथों से मलबा हटाकर जीवित लोगों की तलाश कर रहे हैं। 26 वर्षीय ओबैदुल्लाह स्टोमन, जो अपने दोस्त की खोज में वादीर गांव पहुंचे हैं, ने कहा कि मैं यहां अपने दोस्त को ढूंढने आया हूं, लेकिन उसे नहीं देख पाया। यहां की स्थिति देखकर दिल टूट गया है, चारों ओर सिर्फ मलबा ही मलबा है।
परिवारों पर भूकंप का प्रभाव
गांवों में शवों को सफेद कफन में लपेटकर दफनाया जा रहा है। भूकंप ने कई परिवारों को पूरी तरह से उजाड़ दिया है। जिन लोगों को हाल ही में पाकिस्तान और ईरान से जबरन वापस भेजा गया था, उनमें से भी कई प्रभावित क्षेत्रों में रह रहे थे, जिससे उनकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं।