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अभिनेता दर्शन की जेल में दुर्दशा: क्या है रेणुकास्वामी हत्या मामले का सच?

अभिनेता दर्शन ने रेणुकास्वामी हत्या मामले की सुनवाई के दौरान जेल में अपनी कठिनाइयों को साझा किया। उन्होंने अदालत में अपनी स्थिति को लेकर गंभीर शिकायतें कीं, जिसमें जेल की खराब स्थिति और स्वास्थ्य समस्याएं शामिल थीं। इस मामले में उनकी गिरफ्तारी और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बारे में भी जानकारी दी गई है। क्या यह मामला न्याय की ओर बढ़ रहा है? जानें पूरी कहानी।
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अभिनेता दर्शन की जेल में दुर्दशा: क्या है रेणुकास्वामी हत्या मामले का सच?

दर्शन का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश होना

रेणुकास्वामी हत्या मामले की मासिक सुनवाई के दौरान अभिनेता दर्शन को 64वें सिटी सिविल और सत्र न्यायालय (सीसीएच) में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश किया गया। इस सुनवाई में उन्होंने अपनी वर्तमान स्थिति को लेकर गंभीर शिकायतें दर्ज कीं।


जेल की स्थिति पर नाराजगी व्यक्त की

दर्शन ने न्यायाधीश को बताया कि वह कई दिनों से धूप नहीं देख पाए हैं और उनके हाथों में फंगस की समस्या हो गई है। उन्होंने कहा कि उनके कपड़ों से बदबू आ रही है और इस स्थिति में रहना उनके लिए असहनीय हो गया है। उन्होंने यहां तक कहा कि कृपया उन्हें ज़हर दे दिया जाए, क्योंकि जीना मुश्किल हो गया है। इस पर जज ने स्पष्ट किया कि ऐसा करना अदालत के लिए संभव नहीं है।


हत्या मामले में गिरफ्तारी का विवरण

दर्शन को जून 2024 में रेणुकास्वामी अपहरण और हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था। उन पर आरोप है कि चित्रदुर्ग के 33 वर्षीय रेणुकास्वामी ने उनकी करीबी सहयोगी पवित्रा गौड़ा को आपत्तिजनक संदेश भेजे थे। इसके बाद रेणुकास्वामी का अपहरण किया गया और उसे बेंगलुरु के एक शेड में ले जाकर प्रताड़ित किया गया, जहां से बाद में उसका शव बरामद हुआ।


सुप्रीम कोर्ट का निर्णय

कर्नाटक हाईकोर्ट ने दिसंबर 2024 में दर्शन को ज़मानत दी थी, लेकिन सर्वोच्च अदालत ने 14 अगस्त 2025 को गवाहों से छेड़छाड़ की आशंका के चलते उनकी जमानत रद्द कर दी। अदालत ने यह भी आदेश दिया कि हिरासत में रहते हुए उन्हें कोई विशेष लाभ नहीं दिया जाएगा। इसके बाद दर्शन को फिर से गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया।


अन्य आरोपियों की सुनवाई

अदालत ने मामले में आरोपी संख्या 13 और 14 की रिहाई याचिकाओं पर भी सुनवाई की। आरोप तय करने के लिए 19 सितंबर की तारीख निर्धारित की गई है, जब सभी आरोपियों पर औपचारिक रूप से आरोप तय किए जाएंगे।


याचिका पर सुनवाई स्थगित

दर्शन द्वारा दायर दो अन्य याचिकाओं पर भी चर्चा हुई। पहली याचिका बल्लारी जेल में स्थानांतरण से बचाने से संबंधित थी, जबकि दूसरी में उन्होंने बिस्तर और गद्दे जैसी मूलभूत सुविधाओं की मांग की थी। अदालत ने इन मामलों की सुनवाई को दोपहर 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।