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अमरनाथ यात्रा 2025: सुरक्षा व्यवस्था में कड़े इंतजाम

अमरनाथ यात्रा 2025 के लिए सुरक्षा इंतजामों को कड़ा किया गया है। 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद, 50,000 CRPF जवानों की तैनाती की जाएगी। यात्रा मार्गों पर ड्रोन और सैटेलाइट फोन का उपयोग किया जाएगा, और हर श्रद्धालु को RFID टैग दिया जाएगा। जानें इस बार की सुरक्षा तैयारियों के बारे में।
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अमरनाथ यात्रा 2025: सुरक्षा व्यवस्था में कड़े इंतजाम

अमरनाथ यात्रा 2025 की सुरक्षा तैयारियाँ

अमरनाथ यात्रा 2025: 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद, अमरनाथ यात्रा 2025 के लिए सुरक्षा व्यवस्था को पूरी तरह से मजबूत किया गया है। इस हमले में 25 श्रद्धालुओं और एक स्थानीय नागरिक की जान गई थी। इसके जवाब में भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान में कई आतंकवादी ठिकानों पर कार्रवाई की थी।


इस बार की 38 दिन की अमरनाथ यात्रा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की अब तक की सबसे बड़ी तैनाती देखने को मिलेगी। लगभग 50,000 CRPF जवान कश्मीर की घाटियों से लेकर यात्रा मार्ग तक तैनात रहेंगे। इसके अलावा, जम्मू-कश्मीर पुलिस, बम निरोधक दस्ते और स्निफर डॉग यूनिट्स भी सुरक्षा में शामिल होंगे।


ड्रोन, सैटेलाइट फोन और जैमर


यात्रा मार्गों की सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक इंतजाम किए गए हैं। ड्रोन कैमरों के माध्यम से पूरे रूट पर संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी।
यात्री काफिलों के साथ CRPF जवान रहेंगे, जो सैटेलाइट फोन और जैमर से लैस होंगे। सभी मार्गों को उस समय पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा, जब यात्रियों का काफिला गुजर रहा होगा।


हर यात्री को मिलेगा रेडियो फ्रीक्वेंसी ID टैग


पिछले वर्ष की तरह, इस बार भी हर श्रद्धालु और वाहनों को RFID टैग दिए जाएंगे। इससे सुरक्षा बल उनकी आवाजाही को आसानी से ट्रैक कर सकेंगे। मार्ग के हर महत्वपूर्ण बिंदु पर क्विक एक्शन टीमें (QAT) तैनात रहेंगी, जो किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई करेंगी।


बालटाल और पहलगाम—दोनों प्रमुख रूट्स पर IED (इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) की जांच के लिए बम स्क्वॉड और स्निफर डॉग्स को लगाया गया है। सभी संदिग्ध वस्तुओं और व्यक्तियों पर विशेष नजर रखी जाएगी।


देश की एक प्रमुख धार्मिक यात्रा को सुरक्षित और सुचारू बनाने के लिए इस बार सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और किसी भी खतरे से निपटने के लिए सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह तैयार हैं।