अमरनाथ यात्रा के दौरान BSF जवानों की यात्रा पर विवाद: रेलवे की लापरवाही पर उठे सवाल

कश्मीर में अमरनाथ यात्रा के दौरान विवाद
कश्मीर में अमरनाथ यात्रा के दौरान त्रिपुरा से सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों के लिए उपलब्ध कराई गई ट्रेन के जर्जर डिब्बों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विवाद खड़ा हो गया है। इस मामले में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को चार वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित कर दिया और जांच के आदेश दिए। रेल मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सुरक्षा बलों की गरिमा सर्वोपरि है और ऐसी लापरवाही को किसी भी स्थिति में सहन नहीं किया जाएगा।
रेलवे की आलोचना का सामना
बीएसएफ की 13 कंपनियों के लगभग 1,200 जवानों को 6 जून को त्रिपुरा के उदयपुर से जम्मू तवी तक एक विशेष ट्रेन में यात्रा करनी थी। यह ट्रेन असम, पश्चिम बंगाल सहित कई स्थानों से गुजरी। जवानों द्वारा रिकॉर्ड किया गया वीडियो, जिसमें गंदगी, टूटी सीटें और खराब स्थिति दिखाई दे रही थी, सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद रेलवे की कड़ी आलोचना हुई। इसने जनता और नेताओं के बीच गुस्से को बढ़ा दिया।
कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने इस घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अमरनाथ यात्रा के लिए भेजे जा रहे बीएसएफ जवानों को इस तरह की खराब ट्रेन में यात्रा कराना शर्मनाक है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का ध्यान महंगी ट्रेनों के प्रचार पर है, जबकि सुरक्षा बलों के साथ ऐसा व्यवहार किया जा रहा है।
जांच की प्रक्रिया शुरू
रेल मंत्रालय ने बताया कि निलंबित अधिकारियों में अलीपुरद्वार रेल डिवीजन के तीन वरिष्ठ सेक्शन इंजीनियर और एक कोचिंग डिपो अधिकारी शामिल हैं। रेलवे ने पहले दावा किया था कि यह डिब्बा यात्रा के लिए नहीं था, बल्कि मरम्मत के लिए भेजा गया था। हालांकि, मामले के उजागर होने के बाद जांच शुरू की गई है।
इस बार अमरनाथ यात्रा 38 दिनों की होगी और यह 9 अगस्त को समाप्त होगी। केंद्र सरकार ने इस तीर्थयात्रा के दौरान सुरक्षा के लिए 42,000 केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के जवान तैनात किए हैं। यह यात्रा आतंकवादियों के निशाने पर रही है, जैसा कि अप्रैल में पहलगाम में हुए हमले से स्पष्ट होता है, जिसमें 26 लोग मारे गए थे।