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अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा योजना तैयार, बढ़ाई गई सुरक्षा व्यवस्था

अमरनाथ यात्रा 2023 के लिए सुरक्षा योजना को अंतिम रूप दिया गया है, जिसमें सीआरपीएफ, जम्मू कश्मीर पुलिस और सेना की तैनाती शामिल है। इस वर्ष यात्रा की अवधि 38 दिन होगी, और भक्तों के लिए डिजिटल पहचान पत्र अनिवार्य किया गया है। सुरक्षा के लिए जैमर और अन्य उपायों को लागू किया जाएगा। जानें इस यात्रा से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ और सुरक्षा व्यवस्थाएँ।
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अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा योजना तैयार, बढ़ाई गई सुरक्षा व्यवस्था

सुरक्षा योजना की रूपरेखा

अमरनाथ यात्रा की अवधि में कमी के बाद सुरक्षा योजना को अंतिम रूप दिया गया है। इस वर्ष सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआरपीएफ, जम्मू कश्मीर पुलिस और सेना के हाथों में होगी। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार सुरक्षा बलों की संख्या में काफी वृद्धि की गई है। भक्तों को यात्रा के दौरान कई स्थानों पर कड़ी सुरक्षा से गुजरना होगा।


यात्रा की तिथियाँ और डिजिटल मैपिंग

इस साल अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू होगी और इसकी अवधि 38 दिन होगी, जबकि पिछले साल यह 52 दिनों तक चली थी। यात्रा का समापन 9 अगस्त को होगा। इस संदर्भ में सुरक्षा योजना तैयार की गई है। अमरनाथ यात्रा के सभी मार्गों की डिजिटल मैपिंग की गई है, जिससे हर क्षेत्र पर नजर रखना संभव हो सके।


डिजिटल पहचान पत्र की अनिवार्यता

यात्रा में शामिल होने वाले भक्तों और पोनी राइडर्स के लिए डिजिटल पहचान पत्र अनिवार्य किया गया है। यदि किसी के पास यह पहचान पत्र नहीं होगा, तो उन्हें यात्रा में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए, यात्रियों और पोनी राइडर्स को पहले से ही इस बारे में सूचित किया गया है।


सुरक्षा के लिए जैमर और अन्य उपाय

सूत्रों के अनुसार, अमरनाथ यात्रा से जुड़े सभी राष्ट्रीय राजमार्गों और मार्गों को यात्रा के दौरान ब्लॉक किया जाएगा। पहली बार सभी रूटों पर जैमर लगाए जाएंगे, जिनकी सुरक्षा सीएपीएफ की टीमें करेंगी। इसके अलावा, सुरक्षा के लिए ड्रोन, बम निपटान टीम, त्वरित प्रतिक्रिया टीम, डॉग स्क्वाड और पुलिस पीसीआर भी तैनात रहेंगे। इस बार 581 कंपनियां यात्रा के दौरान सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात रहेंगी।