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अमित शाह का बस्तर दौरा: नक्सलवाद समाप्त करने का संकल्प

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 4 अक्टूबर 2025 को छत्तीसगढ़ के बस्तर में दशहरा महोत्सव के दौरान नक्सलवाद समाप्त करने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को समाप्त करने का लक्ष्य है। शाह ने स्वदेशी उत्पादों को अपनाने का भी संदेश दिया, जिससे भारत को विश्व की सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनने की दिशा में प्रेरित किया जा सके। उनका यह दौरा सांस्कृतिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।
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अमित शाह का बस्तर दौरा: नक्सलवाद समाप्त करने का संकल्प

अमित शाह का बस्तर दौरा

अमित शाह का बस्तर दौरा: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 4 अक्टूबर 2025 को छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में दशहरा महोत्सव के दौरान अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। यह यात्रा न केवल सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि विकास और सुरक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का भी प्रतीक है। बस्तर दशहरा महोत्सव, जो 75 दिनों तक चलता है, आदिवासी परंपराओं का जीवंत उदाहरण प्रस्तुत करता है।


अपने संबोधन में, अमित शाह ने नक्सलवाद के खिलाफ केंद्र और राज्य सरकार की दृढ़ता को स्पष्ट किया। उन्होंने बताया कि 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को समाप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग नक्सलियों से बातचीत की बात करते हैं, लेकिन सरकार का रुख स्पष्ट है। आत्मसमर्पण करने वालों के लिए एक आकर्षक नीति है, लेकिन जो लोग बस्तर की शांति को भंग करने का प्रयास करेंगे, उन्हें CRPF और छत्तीसगढ़ पुलिस का सामना करना पड़ेगा।




स्वदेशी को अपनाने का संदेश


अमित शाह ने स्वदेशी उत्पादों को अपनाने का भी संदेश दिया। उन्होंने कहा कि यदि 140 करोड़ भारतीय स्वदेशी के प्रति संकल्पित होते हैं, तो भारत को विश्व की सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनने से कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा महिलाओं को राहत देने के लिए 395 वस्तुओं पर GST घटाने के निर्णय का भी उल्लेख किया।




अमित शाह के दौरे का महत्व


अमित शाह ने केंद्रीय मंत्री के रूप में पहली बार बस्तर के 'मुरिया दरबार' में भाग लिया, जो आदिवासी समुदाय का एक प्राचीन मंच है, जहां सामूहिक निर्णय लिए जाते हैं। शाह रायपुर से बीएसएफ विमान द्वारा जगदलपुर पहुंचे, जहां मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव, मंत्री केदार कश्यप और अन्य जनप्रतिनिधियों ने उनका स्वागत किया। बस्तर में उनका यह दौरा सांस्कृतिक उत्सव के साथ-साथ राजनीतिक और सुरक्षा दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण साबित हुआ।