अमित शाह ने जमुई में चुनावी रैली में जंगलराज के खतरे की चेतावनी दी
जमुई में अमित शाह का भाषण
जमुई। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बिहार के जमुई में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि यदि आप कमल या तीर के चुनाव चिह्न से भटकते हैं, तो जंगलराज फिर से लौट सकता है। उन्होंने सवाल किया कि क्या जमुई को जंगलराज चाहिए? उन्होंने यह भी बताया कि चुनाव के पहले चरण में लालू-राहुल की पार्टी को करारा झटका लगा है और जमुई की चारों सीटें NDA को मिलनी चाहिए।
अमित शाह ने आगे कहा कि बिहार की जनता ने पहले चरण में ही स्पष्ट कर दिया है कि जंगलराज भेष बदलकर लौटने की कोशिश कर रहा है, लेकिन हम इसे रोकेंगे। उन्होंने याद दिलाया कि जमुई में एक समय नक्सलवाद का आतंक था, जहां नक्सलियों ने धनबाद-पटना एक्सप्रेस को हाईजैक किया था।
उन्होंने कहा कि गया, औरंगाबाद और जमुई में नक्सलियों का दबदबा था, लेकिन मोदी जी के प्रयासों से नक्सलवाद समाप्त हो गया है। अब मतदान 5 बजे तक हो रहा है, जबकि पहले कुछ क्षेत्रों में यह 3 बजे तक ही सीमित था। चोरमारा गांव, जो मुंगेर-जमुई सीमा पर है, 25 साल बाद नक्सलमुक्त हुआ है। लालू-राबड़ी के शासन में बारातों के साथ उगाही होती थी और अपहरण की घटनाएं आम थीं।
अमित शाह ने कहा कि नीतीश कुमार ने जंगलराज को समाप्त किया है और मोदी जी ने बिहार में विकास के लिए कई परियोजनाएं शुरू की हैं। उन्होंने कहा कि अगले 5 साल बिहार के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने बाबर द्वारा राम मंदिर को तोड़ने का उल्लेख करते हुए कहा कि मोदी जी ने 2019 में भूमिपूजन किया और 2024 में मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा करेंगे।
गृहमंत्री ने यह भी कहा कि बिहार में सीता माता का जन्म हुआ था और उन्होंने नीतीश कुमार के साथ मिलकर 850 करोड़ की लागत से सीतामढ़ी में एक भव्य मंदिर बनाने की योजना बनाई है। उन्होंने यह भी कहा कि लालू प्रसाद और कांग्रेस इस मंदिर के निर्माण का विरोध कर रहे हैं, लेकिन हम इसे बनाकर रहेंगे।
