अमित शाह ने पुंछ में BSF की बहादुरी की सराहना की

अमित शाह का पुंछ दौरा
अमित शाह का बयान: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 30 मई 2025 को जम्मू-कश्मीर के पुंछ में भारतीय सीमा सुरक्षा बल (BSF) की वीरता की प्रशंसा की। ऑपरेशन सिंदूर के तहत, BSF ने 118 से अधिक पाकिस्तानी चौकियों और उनकी निगरानी प्रणाली को पूरी तरह से नष्ट कर दिया, जिससे पाकिस्तान को एक बड़ा झटका लगा। अमित शाह ने कहा कि इस नुकसान से पाकिस्तान को उबरने में चार से पांच साल लग सकते हैं, जो भारत की आतंकवाद के खिलाफ सख्त नीति और BSF की मजबूती को दर्शाता है।
BSF की प्रभावी कार्रवाई
BSF की जबरदस्त जवाबी कार्रवाई
अमित शाह ने अपने जम्मू-कश्मीर दौरे के दौरान BSF के जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि जब पाकिस्तान ने हमारे आतंक-विरोधी अभियानों का जवाब हमलों से दिया, तो BSF ने 118 चौकियों को नष्ट कर करारा जवाब दिया। इस ऑपरेशन में BSF ने पाकिस्तान की निगरानी और संचार प्रणाली को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया। शाह ने BSF के महानिदेशक से मिली जानकारी का हवाला देते हुए कहा कि पाकिस्तान को अपनी संचार प्रणालियों पर सबसे बड़ा झटका लगा है, जिससे वह लंबे समय तक सूचना-आधारित युद्ध नहीं छेड़ सकेगा।
तीन दिन में 118 चौकियां तबाह
तीन दिन में 118 चौकियां तबाह
गृह मंत्री ने BSF की इस उपलब्धि को असाधारण बताया। उन्होंने कहा कि तीन दिनों में 118 से अधिक पाकिस्तानी चौकियों को नष्ट करना BSF के साहस और पेशेवर उत्कृष्टता का प्रतीक है। शाह ने जवानों की तारीफ करते हुए कहा कि यह कार्रवाई देश के प्रति गर्व और बलिदान की भावना का परिणाम है।
पाकिस्तान को लंबा झटका
पाकिस्तान को लंबा झटका
BSF ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान न केवल पाकिस्तानी चौकियों को ध्वस्त किया, बल्कि उनकी निगरानी प्रणाली को भी बुरी तरह से नष्ट कर दिया। शाह ने कहा कि इसे फिर से बनाने में पाकिस्तान को चार से पांच साल लगेंगे। यह कार्रवाई 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब थी, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। शाह ने BSF की तत्परता की सराहना की और कहा कि शांति के समय भी उनकी सजगता ने इस सफल जवाबी कार्रवाई को संभव बनाया।
अमित शाह का BSF के प्रति सम्मान
शाह ने BSF को भारत की पहली रक्षा पंक्ति बताते हुए कहा कि चाहे कोई हमला संगठित हो या असंगठित, BSF के जवान हमेशा पहले मोर्चे पर होते हैं। उन्होंने पुंछ में जवानों से मुलाकात की और खराब मौसम के बावजूद सड़क मार्ग से यात्रा करने का निर्णय लिया। शाह ने कहा, "मैं पुंछ आया ताकि स्थानीय नागरिकों को हुए नुकसान का दुख साझा कर सकूं।"