अमित शाह ने भगोड़ों के प्रत्यर्पण पर सम्मेलन में जीरो टॉलरेंस नीति की पुष्टि की

भगोड़ों के प्रत्यर्पण पर सम्मेलन
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को नई दिल्ली में 'भगोड़ों के प्रत्यर्पण पर सम्मेलन: चुनौतियां और रणनीतियां' का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम का आयोजन केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा किया गया। उन्होंने कहा कि हम भ्रष्टाचार, संगठित अपराध और आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हैं।
अमित शाह ने बताया कि भारत में भ्रष्टाचार, अपराध और आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को और सख्ती से लागू किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि केवल देश में मौजूद अपराधियों पर ही नहीं, बल्कि विदेश से अपराध करने वालों पर भी सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि जो लोग विदेश में बैठकर भारत में अपराध, भ्रष्टाचार और आतंकवाद फैलाने का प्रयास करते हैं, उन्हें कानून के दायरे में लाने के लिए एक ठोस तंत्र बनाना हमारी जिम्मेदारी है।
गृह मंत्री ने बताया कि भारत सरकार ने भगोड़ों के खिलाफ कार्रवाई को प्रभावी बनाने के लिए 'भारतपोल' और तीन नए आपराधिक कानूनों में ट्रायल इन एब्सेंशिया जैसी व्यवस्था की है। इन प्रावधानों के माध्यम से किसी भी भगोड़े को, चाहे वह दुनिया के किसी भी कोने में हो, अदालत के सामने लाने में सक्षम होंगे।
अमित शाह ने कहा कि अपराध और अपराधियों की चाल चाहे कितनी भी तेज क्यों न हो, न्याय की पहुंच उससे भी अधिक गतिमान होनी चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि अब हर भगोड़े के खिलाफ कठोर दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है, चाहे वह आर्थिक अपराधी हो, साइबर अपराधी, आतंकी या संगठित अपराध नेटवर्क का हिस्सा। सरकार का संकल्प है कि ऐसे सभी अपराधियों को भारतीय न्याय व्यवस्था के समक्ष लाया जाएगा।
अमित शाह ने यह भी कहा कि भारत की एजेंसियां अब एकीकृत और तकनीक आधारित तंत्र के माध्यम से वैश्विक स्तर पर भगोड़ों का पता लगाने और उन्हें भारत लाने में सक्षम हो रही हैं।
उन्होंने कहा कि मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारा लक्ष्य एक मजबूत भारत बनाना है, जो सीमाओं की सुरक्षा, कानून के शासन और स्मार्ट डिप्लोमेसी के माध्यम से विश्व में अपनी भूमिका को और सशक्त बनाएगा।
इस कार्यक्रम में देश-विदेश के कानून विशेषज्ञ, प्रवर्तन एजेंसियों के अधिकारी और कानूनी प्रतिनिधि शामिल हुए।