अमित शाह ने भाषा विवाद पर दी नई सफाई, हिंदी को बताया सभी भाषाओं की सखी

केंद्रीय गृह मंत्री का नया बयान
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में भाषा के मुद्दे पर अपने पूर्व के बयान से पलटते हुए कहा है कि किसी भी विदेशी भाषा का विरोध नहीं किया जाना चाहिए। पहले उन्होंने यह कहा था कि वह दिन जल्द आएगा जब इस देश में अंग्रेजी बोलने वाले लोग शर्मिंदा होंगे। लेकिन गुरुवार को राजभाषा विभाग के एक कार्यक्रम में उन्होंने स्पष्ट किया, 'किसी भी भाषा का विरोध नहीं होना चाहिए। विदेशी भाषाओं के प्रति भी कोई नकारात्मकता नहीं होनी चाहिए। लेकिन हमें अपनी भाषा को बोलने, उसका सम्मान करने और उसमें सोचने की प्रेरणा देनी चाहिए।'
हिंदी का महत्व
अमित शाह ने कहा कि हाल के विवादों के बीच, 'मैं मानता हूं कि हिंदी किसी भी भारतीय भाषा का विरोध नहीं कर सकती। हिंदी सभी भारतीय भाषाओं की मित्र है। हिंदी और अन्य भारतीय भाषाएं मिलकर हमारे आत्मगौरव के अभियान को सफल बना सकती हैं।' यह ध्यान देने योग्य है कि 19 जून को उन्होंने अंग्रेजी बोलने वालों को शर्मिंदा होने की बात कही थी।
सरकार की योजना
अमित शाह ने यह भी कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि भारत की भाषाएं एकता का मजबूत माध्यम बनें। उन्होंने कहा, 'इसके लिए राजभाषा विभाग काम करेगा। भारतीय भाषाओं का सरकारी कार्यों में अधिकतम उपयोग होना चाहिए, न केवल केंद्र सरकार में बल्कि राज्य सरकारों में भी। हम राज्यों से संपर्क करेंगे और उन्हें समझाने का प्रयास करेंगे।'