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अमेरिका और ब्रिटेन से भारतीय नागरिकों की वापसी: अवैध प्रवास पर सख्त कार्रवाई

भारत ने अमेरिका और ब्रिटेन से अवैध रूप से रह रहे नागरिकों की वापसी की प्रक्रिया को तेज किया है। इस वर्ष 2,790 भारतीय नागरिकों को अमेरिका से वापस भेजा गया है, जबकि लगभग 100 नागरिक ब्रिटेन से लौटे हैं। यह कदम अवैध प्रवास को रोकने और कानूनी प्रक्रियाओं को सख्ती से लागू करने के उद्देश्य से उठाया गया है। जानें इस विषय पर और क्या जानकारी है और कैसे भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रहा है।
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अमेरिका और ब्रिटेन से भारतीय नागरिकों की वापसी: अवैध प्रवास पर सख्त कार्रवाई

अवैध प्रवासियों की स्वदेश वापसी


नई दिल्ली: विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि इस वर्ष की शुरुआत से अब तक अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे 2,790 भारतीय नागरिकों को भारत भेजा गया है। यह कदम भारत और अमेरिका के बीच सहयोग को मजबूत करने के लिए उठाया गया है, जिसका उद्देश्य अवैध प्रवास को रोकना और कानूनी प्रक्रियाओं को सख्ती से लागू करना है।


विदेश मंत्रालय का विवरण

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि इन भारतीय नागरिकों की नागरिकता की पुष्टि के बाद उन्हें स्वदेश भेजा गया। उन्होंने बताया कि जनवरी से अब तक 2,790 से अधिक भारतीय नागरिक ऐसे थे जो अमेरिका में निर्वासन के मानदंडों पर खरे नहीं उतरे और अवैध रूप से रह रहे थे। उनके दस्तावेजों और राष्ट्रीयता की पुष्टि के बाद उन्हें भारत लौटाया गया है।


जायसवाल ने यह भी स्पष्ट किया कि हर मामले में भारतीय नागरिकता की जांच की गई और प्रत्यावर्तन में सभी कानूनी और कूटनीतिक प्रक्रियाओं का पालन किया गया। उन्होंने कहा कि भारत, अमेरिका और अन्य देशों के साथ पारदर्शी और मानक प्रक्रियाओं का पालन करता है ताकि किसी भी व्यक्ति के अधिकारों का उल्लंघन न हो।


ब्रिटेन से भी भारतीय नागरिकों की वापसी

प्रवक्ता ने यह भी बताया कि इस वर्ष लगभग 100 भारतीय नागरिकों को यूनाइटेड किंगडम से निर्वासित किया गया है, जिनकी राष्ट्रीयता की विधिवत पुष्टि की गई थी। उन्होंने कहा कि भारत सभी देशों के साथ मिलकर अवैध प्रवासन की चुनौतियों का सामना करने के लिए निरंतर प्रयासरत है।


जायसवाल ने कहा कि ब्रिटेन से इस वर्ष लगभग 100 भारतीय नागरिक लौटे हैं, जिन्हें उनकी राष्ट्रीयता की पुष्टि के बाद भेजा गया।


अमेरिका में अवैध प्रवास में कमी

अमेरिकी सीमा शुल्क एवं सीमा सुरक्षा (CBP) के नवीनतम आंकड़े बताते हैं कि अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने की कोशिश करने वाले भारतीय नागरिकों की संख्या में उल्लेखनीय कमी आई है, जो अब चार साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंच चुकी है।


अक्टूबर 2024 से सितंबर 2025 के बीच, अमेरिकी अधिकारियों ने बिना अनुमति के प्रवेश की कोशिश करते हुए 34,146 भारतीय नागरिकों को हिरासत में लिया। यह संख्या पिछले वित्तीय वर्ष के 90,415 मामलों की तुलना में लगभग 62 प्रतिशत कम है।


28 अक्टूबर को जारी CBP रिपोर्ट के अनुसार, यह गिरावट 2021 के बाद से सबसे बड़ी वार्षिक कमी है। विशेषज्ञों का मानना है कि महामारी के बाद के आर्थिक हालात और भारत-अमेरिका के बीच बेहतर प्रवासन नियंत्रण उपायों ने इस गिरावट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।


वैश्विक सहयोग और प्रवासन नीति

भारत सरकार का मानना है कि इस प्रकार के मामलों में पारदर्शी संवाद और सहयोग से अवैध प्रवास पर अंकुश लगाया जा सकता है। यह प्रवृत्ति यह भी दर्शाती है कि भारतीय नागरिक अब कानूनी मार्गों से विदेश यात्रा और प्रवासन को अधिक प्राथमिकता दे रहे हैं।


सरकार का प्रयास है कि विदेशों में रह रहे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो, साथ ही अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ मिलकर अवैध प्रवास के नेटवर्क और दलालों पर कड़ा प्रहार किया जाए।