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अमेरिका का ईरान पर हमला: इजरायल-ईरान युद्ध में नया मोड़

अमेरिका ने ईरान के परमाणु संयंत्रों पर हमला कर दिया है, जिससे इजरायल-ईरान युद्ध में एक नया मोड़ आया है। डोनाल्ड ट्रंप ने चीन और रूस की चेतावनियों को नजरअंदाज करते हुए यह कदम उठाया। विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम पुतिन और जिनपिंग को सीधी चुनौती है। ईरान ने रूस के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी की पुष्टि की है, जबकि चीन ने अमेरिका के हमलों की निंदा की है। जानें इस संघर्ष के पीछे की वजहें और वैश्विक प्रतिक्रियाएं।
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अमेरिका का ईरान पर हमला: इजरायल-ईरान युद्ध में नया मोड़

अमेरिका का हस्तक्षेप

इजरायल-ईरान युद्ध के नवीनतम अपडेट: अमेरिका अब इजरायल-ईरान संघर्ष में शामिल हो गया है। इससे पहले, चीन और रूस जैसे प्रमुख देशों ने अमेरिका को इस युद्ध में सीधे शामिल न होने की चेतावनी दी थी। लेकिन डोनाल्ड ट्रंप ने इन चेतावनियों को नजरअंदाज करते हुए ईरान के परमाणु स्थलों पर हमला किया। रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी वायुसेना के बी2 बमवर्षकों ने रविवार सुबह 4:30 बजे ईरान के परमाणु संयंत्रों पर हमला किया। इस हमले में फोर्डो परमाणु संयंत्र पर 14,000 टन वजनी बम गिराए गए, जो जमीन से 80-90 मीटर नीचे स्थित है। इसके अलावा, नतांज और इस्फहान के परमाणु संयंत्रों पर टॉम हॉक मिसाइलों से भी हमला किया गया।


ट्रंप की चुनौती

ट्रंप ने पुतिन और जिनपिंग को दी सीधी चुनौती

विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिका का यह हमला रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को सीधी चुनौती है। दोनों नेताओं ने चेतावनी दी थी कि ऐसा कोई भी कदम उन्हें युद्ध में शामिल होने के लिए मजबूर कर सकता है। हाल के दिनों में तेहरान में कुछ चीनी मालवाहक विमानों के उतरने की भी खबरें आई हैं। ईरान के विदेश मंत्री सोमवार को रूस का दौरा करेंगे और राष्ट्रपति पुतिन से वार्ता करेंगे। ईरान ने कहा है कि रूस और ईरान के बीच रणनीतिक साझेदारी है, और इसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा।


पुतिन की भविष्यवाणी

पुतिन ने की थी भविष्यवाणी

जब रूसी राष्ट्रपति पुतिन से इजरायल-ईरान संघर्ष के दौरान संभावित अमेरिकी हमले के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि यह कोई मजाक नहीं है। यह एक गंभीर स्थिति है, जो मध्य पूर्व में परमाणु आपदा का कारण बन सकती है। उन्होंने कहा कि यह पूरी दुनिया पर असर डालेगा।


चीन की प्रतिक्रिया

चीन ने दी थी ये चेतावनी

चीन ने अमेरिका के हमलों की निंदा की है और कहा है कि वाशिंगटन ने अतीत की रणनीतिक गलतियों को दोहराया है। इसके गंभीर परिणाम होंगे। यह ईरान-इजरायल युद्ध में एक खतरनाक मोड़ है। इतिहास इस बात का गवाह है कि मध्य पूर्व में सैन्य हस्तक्षेप के भयानक परिणाम सामने आए हैं, जैसे कि 2003 का इराक युद्ध।