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अमेरिका का ईरान पर हमला: भारतीय हवाई क्षेत्र के दावे का खंडन

22 जून को अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु स्थलों पर हवाई हमले किए, जिससे इजरायल-ईरान संघर्ष में नई जटिलताएँ उत्पन्न हो गईं। राष्ट्रपति ट्रंप ने हमले की पुष्टि की, जबकि ईरानी मीडिया ने धमाकों की आवाजें सुनी जाने की सूचना दी। सोशल मीडिया पर यह दावा किया गया कि भारतीय हवाई क्षेत्र का उपयोग किया गया, जिसे पीआईबी ने खारिज कर दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति से बातचीत कर तनाव कम करने की आवश्यकता पर जोर दिया। जानें इस घटनाक्रम के सभी पहलुओं के बारे में।
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अमेरिका का ईरान पर हमला: भारतीय हवाई क्षेत्र के दावे का खंडन

अमेरिका का ईरान पर हमला

22 जून की सुबह, अमेरिका ने ईरान के तीन महत्वपूर्ण परमाणु स्थलों पर हवाई हमले किए। इस कार्रवाई के साथ, अमेरिका इजरायल-ईरान संघर्ष में शामिल हो गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे युद्ध की स्थिति और भी बिगड़ सकती है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस से संबोधित करते हुए कहा कि ईरान के प्रमुख परमाणु ठिकानों को पूरी ताकत से नष्ट कर दिया गया है। ईरानी मीडिया ने बताया कि बुशहर प्रांत में बड़े धमाकों की आवाज सुनी गई। जैसे-जैसे अटकलें बढ़ीं, कुछ सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने यह दावा किया कि अमेरिकी सेना ने 'ऑपरेशन मिडनाइट हैमर' के लिए भारतीय हवाई क्षेत्र का उपयोग किया। हालांकि, प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि भारतीय हवाई क्षेत्र का उपयोग नहीं किया गया और जो रिपोर्टें साझा की जा रही हैं, वे गलत हैं।


क्या अमेरिका ने भारतीय हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल किया?

जवाब है नहीं। कुछ ऑनलाइन रिपोर्टों में यह दावा किया गया कि अमेरिकी लड़ाकू विमानों ने ईरान पर हमले के लिए भारतीय हवाई क्षेत्र का उपयोग किया। लेकिन यह पूरी तरह से गलत है। पीआईबी की फैक्ट चेक यूनिट ने इस दावे की जांच की और इसे मनगढ़ंत बताया। स्पष्टीकरण में अमेरिकी संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल डैन केन की प्रेस ब्रीफिंग का हवाला दिया गया, जिसमें उन्होंने अमेरिकी विमानों द्वारा अपनाए गए वैकल्पिक मार्गों के बारे में जानकारी दी। फैक्ट चेक यूनिट ने कहा कि कई सोशल मीडिया अकाउंट्स ने यह झूठा दावा किया कि ऑपरेशन मिडनाइट हैमर के दौरान ईरान के खिलाफ विमानों को लॉन्च करने के लिए भारतीय हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल किया गया। यह दावा पूरी तरह से फर्जी है।


भारत की प्रतिक्रिया

ईरान के परमाणु स्थलों पर अमेरिकी हमलों पर भारत का रिएक्शन?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन से ईरान के तीन प्रमुख परमाणु स्थलों पर अमेरिकी हमलों पर चर्चा की। इस बातचीत में, मोदी ने पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव पर गहरी चिंता व्यक्त की और शत्रुता को कम करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बातचीत और कूटनीति ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है। पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि हमने मौजूदा स्थिति पर विस्तार से चर्चा की और तनाव कम करने के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया।


सोशल मीडिया पर फैली गलत जानकारी