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अमेरिका का नया कदम: G7 देशों से भारत और चीन पर 100% टैरिफ लगाने की अपील

अमेरिका ने जी7 देशों से भारत और चीन पर रूसी तेल पर 100% आयात शुल्क लगाने की अपील की है। यह कदम रूस पर आर्थिक दबाव बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है। ट्रंप का मानना है कि इससे राष्ट्रपति पुतिन की युद्ध नीति को आर्थिक सहायता कम होगी। इस प्रस्ताव पर चर्चा के लिए जी7 वित्त मंत्रियों की बैठक होने वाली है। जानें इस प्रस्ताव के पीछे की वजहें और यूरोपीय संघ की प्रतिक्रिया।
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अमेरिका का नया कदम: G7 देशों से भारत और चीन पर 100% टैरिफ लगाने की अपील

अमेरिका का आर्थिक दबाव बढ़ाने का प्रयास

न्यूयॉर्क: रूस पर आर्थिक दबाव को और बढ़ाने के लिए अमेरिका ने एक नया कदम उठाया है। फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जी7 देशों से अनुरोध किया है कि वे भारत और चीन द्वारा खरीदे जा रहे रूसी तेल पर 50 से 100 प्रतिशत तक आयात शुल्क (टैरिफ) लागू करें।


जी7 देशों की बैठक: इस प्रस्ताव पर चर्चा के लिए जी7 देशों के वित्त मंत्रियों की एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक शुक्रवार को आयोजित की जाएगी। अमेरिकी ट्रेज़री विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि भारत और चीन द्वारा खरीदे जा रहे रूसी तेल से राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की युद्ध नीति को आर्थिक सहायता मिल रही है। प्रवक्ता ने कहा, 'जैसे ही युद्ध समाप्त होगा, ये टैरिफ हटा लिए जाएंगे।'


शांति वार्ता की दिशा में कदम: अमेरिका इस पहल को अपनी 'पीस एंड प्रॉस्पेरिटी एडमिनिस्ट्रेशन' के तहत एक महत्वपूर्ण कदम मानता है, जिसका उद्देश्य रूस को शांति वार्ता की मेज पर लाना है। इससे पहले, राष्ट्रपति ट्रंप यूरोपीय संघ (EU) से भी इसी तरह के टैरिफ लागू करने की अपील कर चुके हैं। हालांकि, यूरोपीय संघ इस प्रस्ताव पर सहमत नहीं है। ब्रसेल्स का मानना है कि इस तरह का कदम बड़े व्यापारिक साझेदारों के साथ आर्थिक तनाव और संभावित प्रतिशोध को जन्म दे सकता है।


ईयू की ऊर्जा निर्भरता समाप्त करने की योजना: ईयू के अधिकारी 2027 तक रूसी ऊर्जा पर निर्भरता समाप्त करने और अतिरिक्त प्रतिबंधों के पक्ष में हैं। कनाडा, जो वर्तमान में G7 की अध्यक्षता कर रहा है, ने बैठक की पुष्टि करते हुए कहा है कि वह रूस की युद्ध क्षमता पर अतिरिक्त दबाव डालने के लिए 'आगे के कदमों' पर विचार करेगा।