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अमेरिका का भारत के साथ सहयोग का संदेश, आधुनिक चुनौतियों का सामना करने की इच्छा

अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारत के स्वतंत्रता दिवस पर एक सकारात्मक संदेश दिया है, जिसमें उन्होंने दोनों देशों के बीच सहयोग की आवश्यकता और आधुनिक चुनौतियों का सामना करने की इच्छा व्यक्त की। उन्होंने भारत और अमेरिका के ऐतिहासिक संबंधों की महत्ता को रेखांकित किया और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सहयोग की बात की। हालांकि, कुछ मुद्दों पर तनाव भी बना हुआ है, जैसे कि टैरिफ और ट्रंप का मध्यस्थता का दावा। इस लेख में अमेरिका-भारत संबंधों की वर्तमान स्थिति और भविष्य की संभावनाओं पर चर्चा की गई है।
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अमेरिका का भारत के साथ सहयोग का संदेश, आधुनिक चुनौतियों का सामना करने की इच्छा

अमेरिका के विदेश मंत्री का भारत के प्रति संदेश

न्यू यॉर्क - अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारत के स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर एक सकारात्मक संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका भारत के साथ मिलकर आधुनिक चुनौतियों का सामना करने के लिए तत्पर है और दोनों देशों के लिए एक उज्ज्वल भविष्य की दिशा में काम करना चाहता है।


रुबियो ने बताया कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र (भारत) और सबसे पुराने लोकतंत्र (अमेरिका) के बीच का ऐतिहासिक संबंध अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, “हम मिलकर काम करते हुए, अमेरिका और भारत आज की चुनौतियों का सामना करेंगे और दोनों देशों के लिए एक उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित करेंगे।” यह बयान उस समय आया है जब दोनों देशों के बीच टैरिफ और अन्य मुद्दों को लेकर तनाव बढ़ रहा है, विशेषकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भूमिका को लेकर मतभेदों के बीच।


उन्होंने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र का भी उल्लेख किया, जहां भारत और अमेरिका चीन से संबंधित चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। रुबियो ने कहा, “हमारा साझा लक्ष्य इस क्षेत्र को अधिक शांतिपूर्ण, समृद्ध और सुरक्षित बनाना है।” उन्होंने तकनीकी और औद्योगिक सहयोग की बात की, हालांकि ट्रंप द्वारा भारत से आयात पर 25 प्रतिशत शुल्क और रूस से तेल खरीदने पर अतिरिक्त शुल्क लगाने की धमकी से यह सहयोग प्रभावित हो रहा है। रुबियो ने कहा, “हमारी साझेदारी उद्योगों में फैली हुई है, नवाचार को बढ़ावा देती है, महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों की सीमाओं को आगे बढ़ाती है, और अंतरिक्ष तक फैली हुई है।” भारत और अमेरिका के बीच एक और विवादास्पद मुद्दा ट्रंप का बार-बार यह दावा करना है कि मई में भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष को समाप्त करने में उन्होंने मध्यस्थता की। भारत ने स्पष्ट किया है कि इसे दोनों पड़ोसियों ने इस्लामाबाद की सेना के एक फोन कॉल के माध्यम से सुलझाया था।