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अमेरिका की टैरिफ नीतियों का वैश्विक प्रभाव: भारत और चीन का जवाब

अमेरिका की टैरिफ नीतियों ने वैश्विक स्तर पर उसकी छवि को नुकसान पहुँचाया है, जिसके जवाब में भारत और चीन ने प्रभावी कदम उठाए हैं। विशेषज्ञ नितिन कौशिक ने इस बदलाव के केंद्र में भारत और चीन की बढ़ती ताकत को रेखांकित किया है। उन्होंने बताया कि कैसे ब्रिक्स देश जी7 को पीछे छोड़ रहे हैं और भविष्य एशिया का है। जानें इस महत्वपूर्ण विषय पर और क्या कहा गया है।
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अमेरिका की टैरिफ नीतियों का वैश्विक प्रभाव: भारत और चीन का जवाब

अमेरिका की छवि पर असर

अमेरिका की टैरिफ नीतियों ने उसकी अंतरराष्ट्रीय छवि को नुकसान पहुँचाया है। भारत और चीन ने इन नीतियों का प्रभावी तरीके से जवाब देकर अन्य देशों को अमेरिकी दबाव का सामना करने का मार्ग दिखाया है। सीए नितिन कौशिक ने कहा, "भारत और चीन ने ट्रंप के मनमाने टैरिफ के खिलाफ खुलकर प्रतिक्रिया दी है।" इससे एक महत्वपूर्ण प्रश्न उठता है: क्या अमेरिका अब सुपरपावर नहीं रह गया? विशेषज्ञ नितिन कौशिक ने वैश्विक शक्ति संतुलन में आए परिवर्तनों पर ध्यान केंद्रित किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर लिखा, "अमेरिका का पतन एक कठोर सच्चाई है।"


अमेरिका का ढलान और ब्रिक्स का उभार

अमेरिका का ढलान और ब्रिक्स का उभार

कौशिक के अनुसार, अमेरिका पिछले सदी में अपने चरम पर था, लेकिन अब वह गिरावट की ओर है। उन्होंने कहा, "पिछले 12-15 वर्षों में अमेरिका ने शिखर पर पहुंचा, लेकिन अब वह नीचे की ओर जा रहा है।" यह गिरावट केवल राजनीतिक नहीं है, बल्कि आर्थिक और नवाचार के क्षेत्र में भी है। ब्रिक्स देश (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) जी7 (अमेरिका, जर्मनी, जापान, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, कनाडा) को पीछे छोड़ रहे हैं। ब्रिक्स देशों की अर्थव्यवस्था 29 ट्रिलियन डॉलर की है, जो वैश्विक जीडीपी का 28% है, जबकि खरीद शक्ति में यह 35% तक पहुँच चुकी है। कौशिक ने चेतावनी दी, "ब्रिक्स जी7 से आगे निकल चुका है।"


भारत और चीन की बढ़ती ताकत

भारत और चीन की बढ़ती ताकत

भारत और चीन इस बदलाव के केंद्र में हैं। चीन की अर्थव्यवस्था 19.2 ट्रिलियन डॉलर और भारत की 4 ट्रिलियन डॉलर की है। कौशिक ने कहा, "भारत 2024 में 6.5% से अधिक की दर से बढ़ेगा और जल्द ही जर्मनी को पीछे छोड़ देगा।" इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग में भी चीन ने टेस्ला को पछाड़ दिया है। चीनी कंपनी BYD ने 2024 में 107 अरब डॉलर की कमाई की, जबकि टेस्ला 97 अरब डॉलर पर रही। कौशिक ने बताया, "BYD ने टेस्ला से दोगुने वाहन बेचे।"


अमेरिकी संरक्षणवाद और ब्रिटिश साम्राज्य का उदाहरण

अमेरिकी संरक्षणवाद और ब्रिटिश साम्राज्य का उदाहरण

कौशिक ने चेतावनी दी कि अमेरिका ने चीनी वाहनों पर 100% टैरिफ लगाकर अपनी ऑटोमोबाइल कंपनियों को बचाने की कोशिश की, लेकिन संरक्षणवाद केवल अस्थायी उपाय है, नवाचार ही लंबी दौड़ में जीतता है। उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य की तुलना करते हुए कहा, "ब्रिटिश कभी समुद्र पर राज करते थे, आज वे उसकी छाया मात्र हैं। अमेरिका भी उसी रास्ते पर है।"


भविष्य एशिया का

भविष्य एशिया का

कौशिक ने निवेशकों को सलाह दी कि वे ब्रिक्स से जुड़े कमोडिटीज, मुद्राओं और इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश करें। उन्होंने कहा, "21वीं सदी एशिया की होगी, जैसे 20वीं सदी अमेरिका की थी।" यह बदलाव धीरे-धीरे हो रहा है, लेकिन गणित स्पष्ट है: वैश्विक शक्ति का ताज अब बदल रहा है।