अमेरिका की भारत के प्रति व्यापारिक नीतियों पर गंभीर सवाल उठाए गए

भारत और अमेरिका के व्यापार संबंधों पर चिंता
अमेरिका भारत की प्रगति को कभी भी समर्थन नहीं देना चाहता। एक अमेरिकी अर्थशास्त्री ने स्पष्ट किया है कि अमेरिका भारत के साथ कोई व्यापार समझौता नहीं करेगा। जेफरी सैक्स ने ट्रंप के नीतियों का खुलासा करते हुए कहा कि उनका उद्देश्य भारत को कमजोर करना है। उन्होंने कहा कि अगर भारत अमेरिका के साथ कोई व्यापार समझौता करने में सफल होता है, तो यह उनके लिए आश्चर्य की बात होगी, क्योंकि अमेरिकी सरकार को भारत की प्रगति में कोई रुचि नहीं है।
अगस्त में, अमेरिका ने भारतीय उत्पादों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया, जिससे दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव बढ़ गया। सैक्स ने पहले ही इस स्थिति की चेतावनी दी थी, जो अब वास्तविकता बन चुकी है। ट्रंप प्रशासन ने भारत के खिलाफ कई कदम उठाए हैं, जो भारत की स्वायत्तता को चुनौती देते हैं।
भारत और अमेरिका के संबंधों का इतिहास
2014 में नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद, भारत और अमेरिका के संबंधों में सुधार हुआ। व्यापार में भी वृद्धि हुई, लेकिन भारत ने रूस के साथ अपने संबंधों को बनाए रखा। हालांकि, पाकिस्तान द्वारा किए गए हमले के बाद अमेरिका ने पाकिस्तान को अधिक महत्व देना शुरू कर दिया। ट्रंप ने बार-बार यह दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर करवाया, जो भारत को पसंद नहीं आया।
अर्थशास्त्री सैक्स ने फिर से यह स्पष्ट किया है कि ट्रंप भारत के साथ व्यापार समझौता नहीं करेंगे और उनका उद्देश्य भारत को कमजोर करना है। हाल ही में, ट्रंप ने भारत पर टैरिफ बढ़ाने की बात की, जिससे यह स्पष्ट होता है कि उनका रुख भारत के प्रति नकारात्मक है।