अमेरिका की सीधी एंट्री से इजरायल-ईरान युद्ध में हलचल

अमेरिका का हवाई हमला
इजरायल और ईरान के बीच चल रहे संघर्ष में अमेरिका की सीधी भागीदारी ने वैश्विक स्तर पर हलचल पैदा कर दी है। 22 जून 2025 को, अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु स्थलों - फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि इन हमलों के परिणामस्वरूप ईरान के परमाणु ठिकाने पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं, जिससे ईरान अब परमाणु परीक्षण करने में असमर्थ है। लेकिन इस बीच, एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।
लापता यूरेनियम का रहस्य
अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने एबीसी न्यूज को दिए एक साक्षात्कार में बताया कि इन हमलों के बाद लगभग 400 किलोग्राम उच्च संवर्धित यूरेनियम गायब है। वेंस के अनुसार, यह यूरेनियम 60 प्रतिशत तक संवर्धित था और इसे 10 परमाणु हथियार बनाने के लिए पर्याप्त माना जा रहा है। यह यूरेनियम ईरान के प्रमुख परमाणु स्थलों पर संग्रहित था, लेकिन अमेरिकी हमलों से पहले ही इसे अज्ञात स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया।
फोर्डो की स्थिति
वेंस ने कहा कि फोर्डो परमाणु सुविधा, जो पहाड़ के 80-90 मीटर नीचे स्थित है, को इस हमले में गंभीर क्षति पहुंची है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि इसकी सटीक स्थिति के बारे में पूरी जानकारी नहीं है। अमेरिका ने इन हमलों में बी-2 स्टील्थ बॉम्बर्स और जीबीयू-57 मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर (एमओपी) का इस्तेमाल किया, जो गहरे भूमिगत ठिकानों को नष्ट करने के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए हैं।
ईरान का प्रतिक्रिया
ट्रंप ने इसे 'शानदार सैन्य सफलता' बताया और कहा कि फोर्डो पर बमों का पूरा पेलोड गिराया गया। हालांकि, ईरान ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा है कि उसके परमाणु ठिकानों को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। ईरान के सरकारी टीवी चैनल के डिप्टी पॉलिटिकल डायरेक्टर हसन अबेदिनी ने दावा किया कि संवर्धित यूरेनियम को पहले ही सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया था, जिससे कोई रेडियोधर्मी रिसाव नहीं हुआ।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
सैटेलाइट तस्वीरों से संकेत मिलता है कि फोर्डो में प्रवेश और निकास सुरंगों को नुकसान पहुंचा है, लेकिन भूमिगत सुविधाओं की स्थिति स्पष्ट नहीं है। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के प्रमुख राफ़ाएल ग्रोस्सी ने इन ठिकानों तक तत्काल पहुंच की मांग की है ताकि क्षति का आकलन किया जा सके। उन्होंने चेतावनी दी है कि ऐसे हमलों से रेडियोधर्मी पदार्थों के रिसाव का खतरा हो सकता है, जो क्षेत्र के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है.