अमेरिका के नए फैसले: चीन और पाकिस्तान को मिली राहत
अमेरिका और चीन के बीच तनाव
अमेरिका और चीन, जो विश्व की दो प्रमुख शक्तियां हैं, हमेशा से राजनीतिक और व्यापारिक मुद्दों पर टकराव में रही हैं। इन दोनों देशों के बीच व्यापार युद्ध का इतिहास भी किसी से छिपा नहीं है। हाल ही में अमेरिका ने कुछ ऐसे निर्णय लिए हैं, जो वैश्विक स्तर पर चर्चा का विषय बन गए हैं। अमेरिका ने एक ही दिन में दो महत्वपूर्ण फैसले किए हैं, जिन्होंने चीन और पाकिस्तान को राहत प्रदान की है।अमेरिका का पाकिस्तान को समर्थन
अमेरिका ने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) को एक विदेशी आतंकवादी संगठन के रूप में मान्यता दी है, जो पाकिस्तान और चीन के लिए एक बड़ी समस्या बन चुका है। बीएलए का मुख्य उद्देश्य बलूचिस्तान को पाकिस्तान से स्वतंत्र कराना है और यह चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) की परियोजनाओं को भी निशाना बनाता रहा है। अमेरिका द्वारा बीएलए को आतंकवादी संगठन घोषित करने से पाकिस्तान को एक ओर राहत मिल रही है, लेकिन यह अमेरिका का पाकिस्तान के प्रति एक कठोर कदम भी है।
चीन को अप्रत्यक्ष लाभ
चीन को भी अमेरिका के इस निर्णय से अप्रत्यक्ष रूप से राहत मिली है। बीएलए ने कई बार CPEC परियोजनाओं को निशाना बनाते हुए चीनी श्रमिकों पर हमले किए थे। अमेरिका ने बीएलए पर प्रतिबंध लगाकर चीन को एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है कि वह पाकिस्तान के आतंकवादी संगठनों पर नजर रखेगा। इससे चीन की आर्थिक परियोजनाएं सुरक्षित रह सकेंगी।
अमेरिका का टैरिफ पर निर्णय
अमेरिका के एक अन्य निर्णय ने भी ध्यान आकर्षित किया है। ट्रंप प्रशासन ने चीन से आयातित सामान पर 90 दिनों के लिए लागू किए गए टैरिफ को स्थगित कर दिया है। इससे चीन को एक और राहत मिलती है, क्योंकि इससे 145% तक टैरिफ लगाने की स्थिति से बचा जा सकता था। यह अमेरिका और चीन के बीच एक प्रकार का समझौता है, जिसमें दोनों देशों को अपनी आर्थिक चिंताओं को कम करने का अवसर मिल रहा है।
ट्रंप की रणनीति
ट्रंप का यह निर्णय उनकी रणनीतिक सोच को दर्शाता है। क्रिसमस के दौरान अमेरिकी उपभोक्ताओं की खरीदारी को देखते हुए, ट्रंप ने यह कदम उठाने की आवश्यकता महसूस की। यदि टैरिफ बढ़ते, तो चीनी सामानों की कीमतें बढ़ जाती, जिससे अमेरिकी उपभोक्ताओं की नाराजगी हो सकती थी। इसके अलावा, यह कदम चीन के साथ तकरार को बढ़ने से रोकने के प्रयास के रूप में भी देखा जा सकता है।