अमेरिका ने H1-B वीजा नियमों में बदलाव किया, एक बार की फीस लागू

H1-B वीजा पर नया आदेश
वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में H1-B वीजा से संबंधित एक नए कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसने न केवल अमेरिका बल्कि वैश्विक स्तर पर हलचल पैदा कर दी है। इस आदेश के तहत H1-B वीजा की फीस को अचानक बढ़ाकर 1,00,000 अमेरिकी डॉलर (लगभग 90 लाख रुपये) कर दिया गया है।
एक बार की फीस, पुराने वीजा धारकों के लिए राहत: इस निर्णय के बाद अमेरिका में H1-B वीजा धारकों के बीच चिंता का माहौल बन गया था। हालांकि, ट्रंप प्रशासन ने इस पर स्पष्टीकरण दिया है कि कुछ जानकारी गलत तरीके से प्रस्तुत की गई है। अमेरिकी कॉमर्स सचिव हॉवर्ड लुटनिक ने शुक्रवार को बताया कि यह शुल्क सालाना नहीं, बल्कि एक बार लिया जाएगा और यह नए वीजा आवेदनों तथा वीजा नवीनीकरण दोनों पर लागू होगा।
शनिवार को व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लैविट ने इस बयान को स्पष्ट करते हुए कहा कि यह शुल्क केवल नए H1-B वीजा आवेदनों पर लागू होगा। पहले से वीजा धारक या जिनका वीजा नवीनीकरण हो रहा है, उन्हें इस शुल्क का भुगतान नहीं करना होगा।
कैरोलिन लैविट के अनुसार, जो लोग पहले से H1-B वीजा पर अमेरिका में निवास कर रहे हैं, उन्हें यह शुल्क नहीं देना पड़ेगा। इसके अलावा, जो वीजा धारक वर्तमान में अमेरिका से बाहर हैं, उन्हें भी इस शुल्क का भुगतान नहीं करना होगा। वे जब चाहें अमेरिका में पुनः प्रवेश कर सकते हैं।
यह नया आदेश रविवार रात 12 बजे से प्रभावी हो गया है। इसके लागू होने के बाद अमेरिकी टेक्नोलॉजी उद्योग में हलचल मच गई है। अमेजन, मेटा और माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियों के कई कर्मचारी H1-B वीजा पर कार्यरत हैं।
इस निर्णय के तुरंत बाद कई प्रमुख कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को ईमेल भेजकर 24 घंटे के भीतर अमेरिका लौटने की सलाह दी है, ताकि वे नए नियमों के दायरे में न आएं। हालांकि, प्रशासन के स्पष्टीकरण के बाद राहत की उम्मीद बनी है, लेकिन वीजा से जुड़े इस महत्वपूर्ण कदम के राजनीतिक और आर्थिक प्रभावों पर अगले कुछ दिनों तक नजर बनी रहेगी।