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अमेरिका ने अज़रबैजान और आर्मेनिया के बीच शांति संधि की घोषणा की

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अज़रबैजान और आर्मेनिया के बीच एक ऐतिहासिक शांति संधि की घोषणा की है, जो दशकों से चले आ रहे संघर्ष को समाप्त करने का प्रयास है। इस समझौते में प्रमुख परिवहन मार्गों को फिर से खोलने और एक नया पारगमन गलियारा बनाने का प्रावधान है। ट्रंप ने इस मार्ग का नाम अपने नाम पर रखने को सम्मान बताया, जबकि अज़रबैजानी राष्ट्रपति ने इसे कई देशों के लिए संपर्क के नए अवसरों का स्रोत बताया। अर्मेनियाई प्रधानमंत्री ने इसे एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर कहा है।
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अमेरिका ने अज़रबैजान और आर्मेनिया के बीच शांति संधि की घोषणा की

अमेरिकी राष्ट्रपति का ऐतिहासिक कदम

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को व्हाइट हाउस में अज़रबैजान और आर्मेनिया के बीच एक महत्वपूर्ण शांति संधि की घोषणा की। दोनों देशों के नेताओं ने दशकों से चल रहे संघर्ष को समाप्त करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। दक्षिण काकेशस के देशों ने प्रमुख परिवहन मार्गों को फिर से खोलने पर सहमति जताई है, जबकि रूस की शक्ति में कमी के साथ अमेरिका ने इस क्षेत्र में अपने प्रभाव को बढ़ाने का प्रयास किया है। व्हाइट हाउस ने बताया कि इस समझौते में एक महत्वपूर्ण पारगमन गलियारा बनाने का प्रावधान है, जिसे अंतर्राष्ट्रीय शांति और समृद्धि के लिए ट्रंप मार्ग नाम दिया गया है।


ट्रंप का नामकरण और अज़रबैजानी राष्ट्रपति की टिप्पणी

ट्रंप ने इस मार्ग का नाम अपने नाम पर रखने को एक सम्मान बताया, लेकिन यह भी कहा कि उन्होंने इसकी मांग नहीं की थी। अज़रबैजानी राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव ने कहा कि यह गलियारा कई देशों के लिए संपर्क के नए अवसर पैदा करेगा। उन्होंने आगे कहा कि हम एक रणनीतिक साझेदारी की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।


अर्मेनियाई प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया

अर्मेनियाई प्रधानमंत्री निकोल पाशिनयान ने इस समझौते को एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताते हुए कहा कि यह अतीत की तुलना में एक बेहतर कहानी लिखने की नींव रखता है। दोनों नेताओं ने इस सफलता का श्रेय ट्रंप और उनकी टीम को दिया। अलीयेव ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने छह महीनों में अद्भुत काम किया है। ट्रंप ने लंबे संघर्ष पर विचार करते हुए कहा कि वे पैंतीस साल तक लड़ते रहे और अब वे दोस्त बन गए हैं और लंबे समय तक दोस्त बने रहेंगे।


भारत-पाकिस्तान संघर्ष पर ट्रंप का दावा

डोनाल्ड ट्रंप ने यह भी दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिन तक चले सैन्य संघर्ष के बाद स्थिति को संभाल लिया था, जो एक परमाणु युद्ध में बदल सकता था। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में कहा कि इस संघर्ष के दौरान पांच या छह विमान गिराए गए थे। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि ये विमान किस देश के थे- भारत या पाकिस्तान, या फिर दोनों देशों के कुल नुकसान की बात कर रहे थे। भारत का कहना है कि दोनों देशों ने अपनी सैन्य कार्रवाई आपसी बातचीत के जरिए रोकी थी और इसमें अमेरिका की कोई मध्यस्थता नहीं थी।