Newzfatafatlogo

अमेरिका ने ईरान-इजराइल तनाव के बीच B-2 बॉम्बर्स को भेजा, क्या है रणनीति?

ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका ने अपने घातक B-2 स्पिरिट बॉम्बर्स को डिएगो गार्सिया एयरबेस पर तैनात किया है। यह कदम एक विशेष रणनीतिक संकेत माना जा रहा है, जो संभावित रूप से ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों पर हमले की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है। जानें इस तैनाती का महत्व और अमेरिका की सैन्य रणनीति के बारे में।
 | 
अमेरिका ने ईरान-इजराइल तनाव के बीच B-2 बॉम्बर्स को भेजा, क्या है रणनीति?

अमेरिका का बड़ा कदम

ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव के बीच, अमेरिका ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। हालिया रिपोर्टों के अनुसार, अमेरिका ने अपने अत्याधुनिक स्टील्थ बॉम्बर्स, B-2 स्पिरिट, को हिंद महासागर में स्थित डिएगो गार्सिया एयरबेस की ओर रवाना किया है। यह तैनाती सामान्य बमबारी के लिए नहीं, बल्कि एक विशेष रणनीतिक संकेत के रूप में देखी जा रही है। साथ ही, आठ KC-135 टैंकर विमानों को भी भेजा गया है, जो हवा में ईंधन भरने का कार्य करेंगे। यह मिशन अमेरिका की वैश्विक सैन्य रणनीति का एक हिस्सा है, जो संभावित रूप से ईरान के परमाणु ठिकानों पर सटीक और भारी हमले की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है.


फोर्डो न्यूक्लियर साइट पर नजर

अमेरिका द्वारा B-2 की तैनाती को ईरान के महत्वपूर्ण न्यूक्लियर स्थल 'फोर्डो यूरेनियम एनरिचमेंट फैसिलिटी' से जोड़ा जा रहा है। यह साइट लगभग 90 मीटर की गहराई में स्थित है और इसे इस तरह से बनाया गया है कि पारंपरिक बम इसे नुकसान नहीं पहुंचा सकते। लेकिन B-2 बॉम्बर में लगे Massive Ordnance Penetrator (MOP) बम इस गहराई में जाकर तबाही मचा सकते हैं। अमेरिका का मानना है कि यदि आवश्यक हुआ, तो यह हमला केवल B-2 बॉम्बर्स ही कर सकते हैं, क्योंकि B-52 में वह स्टेल्थ क्षमता नहीं है जो रडार से बच सके.


B-2: अमेरिका का 'फर्स्ट स्ट्राइक' हथियार

B-2 स्पिरिट बॉम्बर अमेरिका की वायु सेना का एक अत्यंत घातक हथियार है। इसकी स्टेल्थ तकनीक इसे किसी भी रडार की पकड़ से दूर रखती है। यह बॉम्बर 30,000 पाउंड वजनी MOP बम गिराने की क्षमता रखता है, जो भूमिगत बंकरों को भी नष्ट कर सकता है। बिना ईंधन भरे इसकी उड़ान रेंज 9,600 किलोमीटर है, जिससे यह दुनिया के किसी भी कोने तक गुप्त तरीके से पहुंच सकता है। यही कारण है कि इसे अमेरिका की 'ग्लोबल स्ट्राइक कैपेबिलिटी' का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है.


डिएगो गार्सिया का महत्व

डिएगो गार्सिया एयरबेस, ब्रिटिश इंडियन ओशन टेरिटरी में स्थित अमेरिका का एक अत्यधिक गोपनीय और सामरिक सैन्य अड्डा है। यहां से फारस की खाड़ी, मध्य पूर्व और दक्षिण एशिया में लंबी दूरी के हमले आसानी से किए जा सकते हैं। अमेरिका ने पहले भी इराक, अफगानिस्तान और लीबिया में इसी एयरबेस से अभियान चलाए हैं। B-2 बॉम्बर्स की तैनाती यह दर्शाती है कि अमेरिका पश्चिम एशिया के हालात को लेकर पूरी तरह सतर्क है और हर स्तर पर जवाब देने के लिए तैयार है.