अमेरिका ने टैरिफ में देरी की, भारतीय निर्यातकों को मिली राहत

ट्रम्प ने टैरिफ में देरी की
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने जापान और दक्षिण कोरिया समेत 14 देशों से अमेरिका में आने वाले सामानों पर उच्च टैरिफ लगाने की प्रक्रिया में देरी की है। यह निर्णय उस समय आया है जब व्हाइट हाउस द्वारा लागू किए गए कुछ कठोर आयात करों पर 90 दिनों की रोक इस सप्ताह समाप्त होने वाली थी। ट्रम्प ने यह भी चेतावनी दी है कि जापान और दक्षिण कोरिया से आने वाले सामानों पर 25% टैरिफ अभी भी लागू किया जा सकता है। उन्होंने कई देशों के नेताओं को पत्र भेजकर बताया कि नए टैरिफ 1 अगस्त से प्रभावी होंगे। उच्च टैरिफ पहले 9 जुलाई से लागू होने वाले थे, लेकिन अमेरिकी अधिकारियों ने व्यापार समझौते के प्रयासों के चलते इसे रोक दिया।
अमेरिका ने जवाबी शुल्क निलंबन एक अगस्त तक बढ़ाया
अमेरिका द्वारा जवाबी शुल्क के निलंबन को एक अगस्त तक बढ़ाने से भारतीय निर्यातकों को राहत मिलेगी। यह कदम भारत और अमेरिका के बीच अंतरिम व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के लिए अतिरिक्त समय प्रदान करेगा। ट्रम्प प्रशासन ने सोमवार को विभिन्न देशों को पत्र भेजे, जिसमें उन देशों के उत्पादों पर अमेरिका द्वारा लगाए जाने वाले शुल्कों का विवरण दिया गया। हालांकि, भारत को इस सूची में शामिल नहीं किया गया। बांग्लादेश, बोस्निया एंड हर्जेगोविना, कंबोडिया, इंडोनेशिया, जापान, कजाकिस्तान, लाओ पीपुल्स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक, मलेशिया, सर्बिया, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड और ट्यूनीशिया को पत्र भेजे गए हैं।
भारतीय निर्यातकों को राहत मिलेगी
अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक अलग कार्यकारी आदेश में कई अन्य देशों पर बढ़ाए गए शुल्क को एक अगस्त तक टालने का निर्णय लिया है। यह 90 दिवसीय निलंबन 9 जुलाई को समाप्त होने वाला था। निर्यातकों ने इस निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जवाबी शुल्क को 9 जुलाई से एक अगस्त तक स्थगित करना अमेरिका की व्यापारिक साझेदारों के साथ रचनात्मक रूप से जुड़ने की इच्छा को दर्शाता है। भारतीय निर्यात संगठन महासंघ (फियो) के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा, 'यह वार्ता के लिए एक विस्तारित अवसर प्रदान करता है, जिससे हमारे वार्ताकारों को शेष विवादास्पद मुद्दों को सुलझाने में मदद मिल सकती है।'
भारत की स्थिति और निर्यातकों की प्रतिक्रिया
उन्होंने बताया कि प्रस्तावित शुल्क में लगभग 12 देश शामिल हैं। यदि भारत इस महीने के अंत तक अमेरिका के साथ कम से कम कुछ वस्तुओं पर द्विपक्षीय व्यापार समझौता (बीटीए) को अंतिम रूप दे देता है, तो उसे अधिक लाभ होगा। अंतरराष्ट्रीय व्यापार विशेषज्ञ विश्वजीत धर ने इसे भारत के लिए राहत की बात बताया। उन्होंने कहा, 'यह प्रतिक्रिया भारत द्वारा कुछ मुद्दों पर कड़ा रुख अपनाने के कारण आई है।' फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन के अध्यक्ष ने कहा कि यह एक छोटी सी राहत है, लेकिन हमें और अधिक की उम्मीद है।
नए बाजारों की तलाश
मुंबई स्थित निर्यातक शरद कुमार सराफ ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प 'बहुत अप्रत्याशित' हैं। उन्होंने कहा, 'शुल्क निलंबन की अवधि बहुत कम है। भारतीय निर्यातकों को निर्यात बढ़ाने के लिए नए बाजार तलाशने चाहिए।' भारत और अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं और इस साल की शरद ऋतु (सितंबर-अक्टूबर) तक पहले चरण को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। अधिकारियों के अनुसार, भारत ने अंतरिम व्यापार समझौते पर अमेरिकी अधिकारियों के समक्ष अपना रुख पहले ही स्पष्ट कर दिया है और अब निर्णय अमेरिका को लेना है।
भारत और अमेरिका के व्यापार आंकड़े
वित्त वर्ष 2021-22 से अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार रहा है। वस्तुओं का द्विपक्षीय व्यापार 2024-25 में 131.84 अरब अमेरिकी डॉलर रहा, जिसमें 86.51 अरब डॉलर का निर्यात, 45.33 अरब डॉलर का आयात और 41.18 अरब डॉलर का व्यापार अधिशेष शामिल है।