अमेरिका ने ताइवान के लिए चीनी खतरे पर दी चेतावनी
संयुक्त राज्य अमेरिका ने ताइवान के लिए आसन्न चीनी खतरे के बारे में गंभीर चेतावनी जारी की है। अमेरिकी रक्षा सचिव ने बताया कि चीन ताइवान पर आक्रमण के लिए सक्रिय रूप से प्रशिक्षण ले रहा है और दक्षिण चीन सागर में अपने सैन्य ठिकानों का विस्तार कर रहा है। अमेरिका ने स्पष्ट किया है कि यदि चीन ताइवान पर बलात्कारी कब्जा करने का प्रयास करता है, तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। यह बयान अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते तनाव के बीच आया है, जिसमें व्यापार युद्ध और आपसी शुल्क भी शामिल हैं।
May 31, 2025, 12:18 IST
| 
चीन के आक्रमण की तैयारी पर अमेरिका की चिंता
संयुक्त राज्य अमेरिका ने ताइवान के खिलाफ बढ़ते चीनी खतरे के बारे में चेतावनी जारी की है। अमेरिकी रक्षा सचिव ने बताया कि चीन ताइवान पर हमले के लिए सक्रिय रूप से प्रशिक्षण कर रहा है और दक्षिण चीन सागर में अपने सैन्य ठिकानों का विस्तार कर रहा है। अमेरिका ने स्पष्ट किया है कि यदि चीन ताइवान पर बलात्कारी कब्जा करने का प्रयास करता है, तो इसके गंभीर परिणाम होंगे, जो न केवल इंडो-पैसिफिक क्षेत्र बल्कि पूरी दुनिया के लिए विनाशकारी साबित हो सकते हैं। यह बयान अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते तनाव के बीच आया है, जिसमें व्यापार युद्ध और आपसी शुल्क भी शामिल हैं।
चीन की धमकी और अमेरिका की प्रतिक्रिया
चीन ने कहा है कि यदि आवश्यक हुआ, तो वह ताइवान को बलात्कारी तरीके से मुख्य भूमि में मिला सकता है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि चीन का ताइवान के खिलाफ अभियान 2027 के आसपास शुरू हो सकता है। अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने शनिवार को चेतावनी दी कि बीजिंग एशिया में शक्ति संतुलन को बिगाड़ने के लिए सैन्य बल का उपयोग करने के लिए गंभीरता से तैयारी कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
चीन की सैन्य गतिविधियों पर नजर
चीन ताइवान पर अपना दावा करता है, जबकि अमेरिका ने इसकी रक्षा करने का संकल्प लिया है। सिंगापुर में सुरक्षा सम्मेलन में हेगसेथ ने कहा कि चीनी सेना किसी बड़ी घटना की तैयारी के लिए अभ्यास कर रही है। उन्होंने कहा, 'हम चिकनी चुपड़ी बात नहीं करेंगे। चीन द्वारा उत्पन्न खतरा वास्तविक है और यह निकट भविष्य में सामने आ सकता है।' हेगसेथ ने 'इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर सिक्योरिटी स्टडीज' द्वारा आयोजित 'शांगरी-ला वार्ता' में कहा कि चीन ताइवान पर कब्जा करने के लिए न केवल अपने सैन्य बलों को मजबूत कर रहा है, बल्कि इसके लिए हर दिन सक्रिय रूप से प्रशिक्षण भी ले रहा है।