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अमेरिका ने पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने का दिया निर्देश

अमेरिका ने पाकिस्तान को कश्मीर मुद्दे पर समर्थन देने के बजाय आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। बिलावल भुट्टो के नेतृत्व में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल को अमेरिकी सांसदों से कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा। सांसद ब्रैड शेरमैन ने विशेष रूप से जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इसके साथ ही, उन्होंने पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार देने की भी बात की। इस स्थिति में पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और अमेरिका के साथ संबंधों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
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अमेरिका ने पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने का दिया निर्देश

पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल की अमेरिका यात्रा


वाशिंगटन में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल की गतिविधियाँ: भारतीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की आतंकवाद विरोधी नीति को लेकर विदेशों में सक्रियता के बीच, पाकिस्तान का एक प्रतिनिधिमंडल भी अमेरिका पहुंचा। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य पहलगाम आतंकी हमले पर सफाई देना था। हालांकि, उन्हें कश्मीर मुद्दे पर समर्थन मिलने के बजाय आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम उठाने की सलाह दी गई।


बिलावल भुट्टो का प्रतिनिधिमंडल

पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी के नेतृत्व में यह प्रतिनिधिमंडल वाशिंगटन पहुंचा। वहां उन्हें अमेरिकी सांसदों से कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा। सांसद ब्रैड शेरमैन ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी होगी।


जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ कार्रवाई की मांग

ब्रैड शेरमैन ने विशेष रूप से जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस संगठन ने 2002 में उनके निर्वाचन क्षेत्र के पत्रकार डैनियल पर्ल की हत्या की थी। उन्होंने पाकिस्तान से इस खतरनाक संगठन के खिलाफ ठोस कदम उठाने की अपील की।


धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार

शेरमैन ने यह भी कहा कि पाकिस्तान में हिंदू, अहमदी और ईसाई समुदायों को अपनी धार्मिक आस्था का पालन करने का पूरा अधिकार होना चाहिए। उन्हें बिना किसी डर के अपने धर्म का पालन करने की स्वतंत्रता मिलनी चाहिए और किसी भी प्रकार के भेदभाव से बचना चाहिए।