अमेरिका ने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी को विदेशी आतंकी संगठन घोषित किया

अमेरिका का नया कदम
Pakistan Terrorism: अमेरिका ने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) और इसकी आत्मघाती विंग मजीद ब्रिगेड को विदेशी आतंकी संगठन (एफटीओ) के रूप में मान्यता दी है। यह निर्णय अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा सोमवार को लिया गया। विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि यह कदम आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका की दृढ़ता को दर्शाता है। उन्होंने बताया कि आतंकवादी संगठनों को इस तरह से नामित करना संकट से निपटने और आतंकवादियों को मिलने वाले समर्थन को कम करने का एक प्रभावी उपाय है।
बीएलए का इतिहास और उद्देश्य
बीएलए एक सशस्त्र अलगाववादी समूह है, जो पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में सक्रिय है और बलूच लोगों के लिए स्वतंत्रता की मांग करता है। पाकिस्तान के गठन के बाद से यहां कई बड़े अलगाववादी विद्रोह हो चुके हैं। बलूचिस्तान, जो प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है, पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है, लेकिन यह सबसे गरीब भी है।
संसाधनों के शोषण का मुद्दा
बलूच लोगों का आरोप है कि पाकिस्तान सरकार उनके संसाधनों का शोषण कर रही है और विकास में उनकी अनदेखी कर रही है। 2000 के दशक की शुरुआत में बीएलए का गठन इसी असंतोष के चलते हुआ। प्रारंभ में, संगठन ने प्रांत के संसाधनों का बड़ा हिस्सा बलूच लोगों को देने की मांग की, लेकिन यह मांग धीरे-धीरे पूर्ण स्वतंत्रता में बदल गई। 2006 में बलूच नेता नवाब अकबर बुगती की हत्या के बाद आंदोलन और भी उग्र हो गया।
महिलाओं की भागीदारी
बीएलए का वर्तमान नेता बशीर जैब बलूच है, जिसने संगठन में महिलाओं को भी शामिल किया है। मजीद ब्रिगेड का नेतृत्व हम्माल रेहान करता है, जो आत्मघाती हमलों की योजना बनाता है। संगठन में पेशेवर लोग भी शामिल हैं, जो सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार और भर्ती का कार्य करते हैं।
महत्वपूर्ण हमलों की जिम्मेदारी
बीएलए ने पाकिस्तान में कई महत्वपूर्ण हमलों की जिम्मेदारी ली है। इनमें 2018 में कराची के चीनी वाणिज्य दूतावास और ग्वादर होटल पर हमले, 2024 में कराची एयरपोर्ट और ग्वादर पोर्ट पर आत्मघाती हमले, और 2025 में जाफर एक्सप्रेस ट्रेन हाईजैक शामिल हैं। इस ट्रेन हमले में 31 लोग मारे गए और 300 से अधिक यात्री बंधक बने। अमेरिका ने पहले भी 2019 में बीएलए को वैश्विक आतंकवादी सूची में डाला था, लेकिन अब इसे औपचारिक रूप से एफटीओ श्रेणी में रखा गया है।