अमेरिका ने भारत पर टैरिफ बढ़ाया, ट्रंप के फैसले का विरोध

भारत के खिलाफ अमेरिका का नया दंडात्मक कदम
वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से रूस से तेल खरीदने के मामले में एक महत्वपूर्ण दंडात्मक कार्रवाई की है। ट्रंप प्रशासन ने पहले से लागू 25 प्रतिशत टैरिफ को बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया है। यह निर्णय अलास्का में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के बाद लिया गया है, जिसके चलते ट्रंप की अमेरिका में आलोचना हो रही है।
ट्रंप के फैसले का अमेरिका में विरोध
ट्रंप के इस निर्णय का अमेरिका में विरोध शुरू हो गया है। अमेरिकी विदेश नीति पर नजर रखने वाली सदन की डेमोक्रेट विदेश मामलों की समिति ने इस कदम को पूरी तरह से अस्वीकार कर दिया है। समिति का कहना है कि भारत पर टैरिफ लगाकर पुतिन को यूक्रेन युद्ध समाप्त करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।
डेमोक्रेटिक पैनल की प्रतिक्रिया
डेमोक्रेटिक पैनल ने एक बयान में कहा कि भारत पर टैरिफ लगाने से पुतिन को रोकना संभव नहीं है। यदि ट्रंप वास्तव में यूक्रेन पर रूस के अवैध कब्जे को समाप्त करना चाहते हैं, तो उन्हें पुतिन को दंडित करना चाहिए और यूक्रेन की सेना को सहायता प्रदान करनी चाहिए।
अमेरिकी ट्रेजरी सचिव की चेतावनी
हाल ही में, अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट ने भारत को चेतावनी दी थी कि यदि उसने रूस से तेल खरीदना जारी रखा, तो उसे और अधिक टैरिफ का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने यह भी संकेत दिया था कि ट्रंप पुतिन से मुलाकात के बाद भारत पर टैरिफ बढ़ाने का अंतिम निर्णय लेंगे।
बढ़ा हुआ टैरिफ और भारत की प्रतिक्रिया
अमेरिका द्वारा पहले से लगाए गए 25 प्रतिशत टैरिफ में 25 प्रतिशत की और वृद्धि की गई है। यह नया टैरिफ 28 अगस्त से लागू होगा। इस निर्णय के बाद, ब्राजील के साथ भारत उन देशों में शामिल हो गया है, जिन पर अमेरिका ने सबसे अधिक टैरिफ लगाया है। वहीं, भारत ने ट्रंप प्रशासन के इस एकतरफा कदम को 'अनुचित' बताते हुए अपनी निराशा व्यक्त की है।