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अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों में नई दिशा: ट्रंप की दोहरी नीति का खुलासा

अमेरिका और पाकिस्तान के बीच हालिया संबंधों में महत्वपूर्ण बदलाव आया है, जिसमें ट्रंप की दोहरी नीति और नए व्यापार समझौते का खुलासा हुआ है। इस लेख में जानें कि कैसे पाकिस्तान अमेरिका से हथियार खरीदने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है और यह डील दोनों देशों के लिए क्या मायने रखती है। क्या यह पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को सहारा देगी? जानने के लिए पढ़ें पूरा लेख।
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अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों में नई दिशा: ट्रंप की दोहरी नीति का खुलासा

अमेरिका की दोहरी नीति का खुलासा

अंतरराष्ट्रीय राजनीति में अमेरिका की दोहरी नीति एक बार फिर से उजागर हुई है। व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिम मुनीर के बीच हुई मुलाकात ने इस नीति की सच्चाई को सामने ला दिया। ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी देते हुए पाकिस्तान के साथ ऑयल डील पर हस्ताक्षर करने की बात की, जिससे उनकी नीति और स्पष्ट हो गई। पाकिस्तान ने ऐतिहासिक रूप से अमेरिका के साथ साझेदारी की है और उसने शीत युद्ध और अफगानिस्तान में पश्चिम का समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।


पाकिस्तान का अमेरिका से हथियार खरीदने का कदम

पाकिस्तान पिछले एक दशक से 80% सैन्य साजो-सामान चीन से खरीदता रहा है। अब, पाकिस्तानी आर्मी चीफ फील्ड मार्शल आसिम मुनीर अमेरिका से हथियार खरीदने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। जून में ट्रंप के साथ बैठक के बाद, दोनों देशों के संबंधों में महत्वपूर्ण बदलाव आया है। हाल ही में मुनीर को अमेरिकी सराहना मिली, जब उनकी अगुवाई में इस्लामिक स्टेट की स्थानीय शाखा के नेताओं को समाप्त किया गया। इसके बदले में, अमेरिका ने पाकिस्तान की लंबी दूरी की मिसाइलों पर अपनी आलोचना को कम किया है। अमेरिका अब पाकिस्तान को बख्तरबंद वाहन और नाइट-विजन उपकरण बेचने पर विचार कर रहा है।


पाकिस्तान और अमेरिका के बीच नया व्यापार समझौता

पाकिस्तान और अमेरिका के बीच एक नया व्यापार समझौता हुआ है, जिसे पाकिस्तान ने ऐतिहासिक करार बताया है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने ट्रंप का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह डील दोनों देशों की साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी। ट्रंप ने इसे पाकिस्तान के विशाल तेल भंडार के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण शुरुआत बताया है। ऊर्जा संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को घरेलू स्तर पर तेल उत्पादन से राहत मिल सकती है। अमेरिकी निवेश से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को सहारा मिलेगा और विदेशी मुद्रा भंडार में सुधार की उम्मीद है। समझौते में आईटी, क्रिप्टो, खनिज और व्यापार से जुड़े अन्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की बात भी शामिल है।