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अमेरिका में H-1B वीज़ा शुल्क में वृद्धि, चीन ने पेश किया नया K-वीज़ा

अमेरिका ने H-1B वीज़ा की फीस को ₹6 लाख से बढ़ाकर ₹8.8 लाख कर दिया है, जो 21 सितंबर 2025 से लागू होगा। इस वृद्धि से अमेरिका में काम करने का सपना देखने वालों के लिए यह एक बड़ा झटका है। वहीं, चीन ने STEM क्षेत्रों में काम करने वाले पेशेवरों के लिए नया K-वीज़ा पेश किया है, जो 1 अक्टूबर 2025 से उपलब्ध होगा। इस वीज़ा के लिए नौकरी का प्रस्ताव आवश्यक नहीं है, जिससे यह युवा पेशेवरों के लिए एक नया अवसर बन सकता है।
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H-1B वीज़ा शुल्क में वृद्धि

अगर आप अमेरिका में नौकरी करने का सपना देख रहे हैं, तो आपके लिए एक नई चुनौती सामने आई है। अमेरिका ने H-1B वीज़ा की फीस को ₹6 लाख से बढ़ाकर ₹8.8 लाख कर दिया है। यह नई दरें 21 सितंबर 2025 से लागू होंगी, जिससे कुशल पेशेवरों के लिए अमेरिका में जाना और भी महंगा हो गया है.


चीन का नया K-वीज़ा

इस बीच, चीन ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित) क्षेत्रों में काम करने वाले युवा पेशेवरों और शोधकर्ताओं के लिए नया 'K-वीज़ा' पेश किया है। यह वीज़ा 1 अक्टूबर 2025 से जारी किया जाएगा और इसमें आवेदकों को किसी चीनी कंपनी से नौकरी का प्रस्ताव प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं होगी.


इस वीज़ा के लिए आवेदकों की उम्र, शैक्षणिक योग्यता और अनुभव को प्राथमिकता दी जाएगी। STEM क्षेत्र में शोध या कार्य अनुभव होना आवश्यक है। यह वीज़ा लंबे समय तक रहने की अनुमति देगा, जो चीन को वैश्विक STEM केंद्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.