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अमेरिका में जनरल आसिम मुनीर के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया

पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर के हालिया बयान ने अमेरिका में विवाद खड़ा कर दिया है। पेंटागन के पूर्व अधिकारी माइलक रुबिन ने उनकी टिप्पणियों की निंदा करते हुए उन्हें एक 'दुष्ट देश' का प्रतिनिधि बताया। जनरल मुनीर ने कहा था कि यदि पाकिस्तान समाप्त होता है, तो वह आधी दुनिया को भी नष्ट कर देगा। रुबिन ने अमेरिका से कूटनीतिक कदम उठाने की अपील की है, जिसमें पाकिस्तान को आतंकवाद का प्रायोजक देश घोषित करने की मांग शामिल है।
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अमेरिका में जनरल आसिम मुनीर के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया

पाकिस्तानी सेना प्रमुख के बयान पर विवाद

न्यूयॉर्क: पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल आसिम मुनीर के हालिया परमाणु संबंधी बयान ने अमेरिका में तीव्र प्रतिक्रिया उत्पन्न की है। पेंटागन के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी माइलक रुबिन ने जनरल मुनीर की धमकी भरी टिप्पणियों की आलोचना करते हुए उन्हें एक 'दुष्ट देश' का प्रतिनिधि करार दिया।


यह टिप्पणी तब आई जब जनरल मुनीर ने फ्लोरिडा के टैम्पा में अमेरिकी सैन्य अधिकारियों के साथ एक बैठक में कहा कि यदि पाकिस्तान का अस्तित्व समाप्त होता है, तो वह आधी दुनिया को भी अपने साथ नष्ट कर देगा।


रुबिन ने कहा, 'आसिम मुनीर लादेन जैसा है... उसे अमेरिका से निकाला जाए': इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए रुबिन ने कहा, 'पाकिस्तान का व्यवहार पूरी तरह से अस्वीकार्य है। सेना प्रमुख की बयानबाजी हमें आईएसआईएस और ओसामा बिन लादेन की याद दिलाती है। पाकिस्तान यह साबित कर रहा है कि क्या वह वास्तव में एक जिम्मेदार राष्ट्र है या नहीं।'


रुबिन ने आगे कहा कि जनरल मुनीर की भाषा कट्टरपंथी संगठनों की बयानबाजी जैसी लग रही है। उन्होंने अमेरिका से तत्काल कूटनीतिक कदम उठाने की अपील की है। उन्होंने मांग की कि पाकिस्तान का 'प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी' का दर्जा तुरंत छीना जाए और उसे 'आतंकवाद का प्रायोजक देश' घोषित किया जाए। इसके साथ ही, उन्होंने जनरल मुनीर को अमेरिका में 'अवांछित व्यक्ति' घोषित करने और उनके वीजा पर प्रतिबंध लगाने की मांग की।


रुबिन ने कहा, 'आसिम मुनीर द्वारा ये टिप्पणियां करने के 30 मिनट के भीतर ही उन्हें बाहर निकाल देना चाहिए था।' उन्होंने यह भी कहा, 'मुनीर सूट पहनने वाला ओसामा बिन लादेन है।' रुबिन ने चेतावनी दी कि अब अमेरिका को पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की सुरक्षा को लेकर ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।