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अमेरिका में डेमोक्रेट्स की जीत: राजनीतिक बदलाव का संकेत

अमेरिका में डेमोक्रेट्स की हालिया जीत ने राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत दिया है। भारतीय मूल के तीन डेमोक्रेट उम्मीदवारों की सफलता ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों को जन्म दिया है। प्रदर्शनकारियों ने हाथों में बैनर लेकर सड़कों पर उतरकर ट्रंप के खिलाफ नारेबाजी की। जानें इस चुनावी परिणाम के बाद की स्थिति और ट्रंप विरोधियों की नई ऊर्जा के बारे में।
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अमेरिका में डेमोक्रेट्स की जीत: राजनीतिक बदलाव का संकेत

चुनाव परिणाम के बाद सड़कों पर उतरे सैकड़ों प्रदर्शनकारी


वॉशिंगटन: भारतीय मूल के तीन डेमोक्रेट उम्मीदवारों - जोहरान ममदानी, आफताब पुरवाल और गजाला हाशमी की जीत ने अमेरिका की राजनीतिक स्थिति में बदलाव की लहर पैदा कर दी है। जहां एक ओर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आर्थिक मंदी और टैरिफ के मुद्दों पर बैकफुट पर हैं, वहीं इस चुनावी हार के बाद उनके खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन तेज हो गए हैं।


मेयर चुनाव में ट्रंप की पार्टी की हार के बाद, जोश से भरे प्रदर्शनकारियों ने यह महसूस किया कि उनके मतदान ने यह संदेश दिया है कि उनका मुद्दा, जिसे वे राष्ट्रपति के अतिक्रमण और लोकतंत्र के क्षरण के रूप में देखते हैं, चुनावी रूप से सफल हो रहा है। डोनाल्ड ट्रंप को इस बार एक बड़ा राजनीतिक झटका लगा है, और डेमोक्रेट्स की इस जीत ने उनके विरोधियों को नई ऊर्जा प्रदान की है।


हाथों में बैनर लेकर सड़कों पर उतरे हजारों प्रदर्शनकारी

नतीजों के बाद उत्साहित हजारों लोग, हाथों में बैनर लिए, वॉशिंगटन में 'फासीवाद विरोधी' प्रदर्शन में शामिल हुए। यह चुनावों के बाद का पहला बड़ा ट्रंप विरोधी प्रदर्शन था। विभिन्न परिधानों में एकत्र हुए लोगों ने 'ट्रंप को अब जाना होगा' जैसे नारे लगाए।


ट्रंप विरोधी बैनर उठाए हुए प्रदर्शनकारी

प्रदर्शनकारियों के हाथों में 'ट्रंप पर महाभियोग चलाने, उन्हें दोषी ठहराने और उन्हें राष्ट्रपति पद से हटाने' के बैनर थे। यह विरोध प्रदर्शन देशव्यापी 'नो किंग्स' प्रदर्शनों के बाद हुआ। दोनों ही प्रदर्शन सरकारी शटडाउन की पृष्ठभूमि में हुए हैं, जिसने संघीय कार्यक्रमों और कई महत्वपूर्ण सेवाओं को प्रभावित किया है। इस विरोध-प्रदर्शन में भाग लेने के लिए फिलाडेल्फिया से वॉशिंगटन पहुंचे 75 वर्षीय थामस ओलिवर ने कहा, 'हम उम्मीद करते हैं कि हमें कभी यहां विरोध करने के लिए नहीं आना पड़े, मगर वे (राष्ट्रपति) संविधान का उल्लंघन कर रहे हैं।' उन्होंने कहा कि नतीजों से संकेत मिलता है कि अमेरिकी मतदाता ट्रंप की नीतियों पर बारीकी से नजर रख रहे हैं।