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अमेरिका में पाकिस्तान के सेना प्रमुख का स्वागत: क्या है इसके पीछे की रणनीति?

पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर का अमेरिका दौरा एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है, जो दोनों देशों के बीच संबंधों को फिर से मजबूत करने की दिशा में एक कदम माना जा रहा है। अमेरिका ने इस दौरे के माध्यम से सुरक्षा सहयोग और खुफिया जानकारी साझा करने की योजना बनाई है। जानिए इस दौरे के पीछे की रणनीति और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
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अमेरिका में पाकिस्तान के सेना प्रमुख का स्वागत: क्या है इसके पीछे की रणनीति?

अमेरिका का पाकिस्तान के प्रति नया रुख

अमेरिका में अचानक पाकिस्तान के प्रति एक नई दोस्ती का संकेत मिला है। 14 जून को अमेरिकी सेना के 250वें स्थापना दिवस के अवसर पर पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल सैयद आसिम मुनीर को आमंत्रित किया गया, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया। यह सवाल उठता है कि अमेरिका ने इस संवेदनशील समय में पाकिस्तान के साथ संबंधों को फिर से क्यों मजबूत करने का प्रयास किया?


ऑपरेशन सिंदूर का प्रभाव

भारत के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान में स्थित आतंकवादी ठिकानों और महत्वपूर्ण एयरबेस पर हमले हुए, जिनका असर वॉशिंगटन तक पहुंचा। इससे पाकिस्तान को सामरिक और कूटनीतिक नुकसान हुआ। जनरल मुनीर का आमंत्रण अमेरिका के साथ पाकिस्तान के संबंधों को फिर से मजबूत करने की दिशा में एक कदम माना जा रहा है।


अमेरिकी हथियारों को नुकसान का दावा

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के जकोबाबाद और सरगोधा एयरबेस पर हमले के कारण अमेरिकी F-16 फाइटर जेट्स को नुकसान पहुंचने का दावा किया गया। हालांकि, भारतीय सेना ने इस बात की पुष्टि नहीं की। इस स्थिति के कारण पाकिस्तान ने अमेरिका से दूरी बना ली थी। क्या अमेरिका ने अब इस दूरी को समाप्त करने की योजना बनाई है?


भारत के साथ संबंध, पाकिस्तान के खिलाफ नहीं

अमेरिका ने स्पष्ट किया है कि वह भारत के साथ है, लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ नहीं। अमेरिकी सेंट्रल कमांड के प्रमुख जनरल माइकल कुरिल्ला ने कहा है कि ISIS के खतरे से निपटने के लिए पाकिस्तान की मदद आवश्यक है। अमेरिका का उद्देश्य न तो भारत को नाराज करना है और न ही पाकिस्तान को खोना।


आसिम मुनीर के दौरे का असली उद्देश्य

हालांकि जनरल मुनीर को अमेरिकी सेना के स्थापना दिवस के बहाने बुलाया गया, लेकिन अमेरिका का असली मकसद सुरक्षा सहयोग, खुफिया जानकारी साझा करना और सैन्य सौदों पर चर्चा करना है। विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका तालिबान के खिलाफ कड़ा रुख, चीन के साथ संबंध और आतंकवादी संगठनों के खिलाफ सहयोग चाहता है।


अमेरिकी हथियारों का भारत के खिलाफ उपयोग

पाकिस्तान को मिले अमेरिकी हथियारों का उपयोग हमेशा भारत के खिलाफ किया गया है। हाल ही में F-16 का उपयोग भारत के खिलाफ किया गया। भारत ने अमेरिका से कई बार अपील की थी कि F-16 पाकिस्तान को न दिए जाएं, लेकिन अमेरिका ने फिर भी पाकिस्तान को ये हथियार दिए।