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अमेरिका में बढ़ते अवैध प्रवासियों की समस्या और पाकिस्तान के आर्मी चीफ की यात्रा

अमेरिका में अवैध प्रवासियों की समस्या गंभीर होती जा रही है, जिसके चलते कर्फ्यू और सेना की तैनाती की आवश्यकता पड़ रही है। इस बीच, पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिम मुनीर की अमेरिका यात्रा भी चर्चा का विषय बनी हुई है। अमेरिका ने उन्हें विशेष आमंत्रण दिया है, लेकिन उनकी यात्रा के पीछे कई जटिलताएँ हैं। जानें, अमेरिका को पाकिस्तान के परमाणु हथियारों और अन्य मुद्दों पर क्या जानकारी चाहिए।
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अमेरिका में बढ़ते अवैध प्रवासियों की समस्या और पाकिस्तान के आर्मी चीफ की यात्रा

अमेरिका में अवैध प्रवासियों की बढ़ती समस्या

अमेरिकी नेताओं का ध्यान दुनिया भर के विवादों पर केंद्रित है, लेकिन उनके अपने देश में अवैध प्रवासियों की बढ़ती संख्या एक गंभीर समस्या बन गई है। अब ये प्रवासी इतने प्रभावशाली हो गए हैं कि अमेरिका में इनसे निपटने के लिए कर्फ्यू लगाने की नौबत आ गई है। लांस एजिल्स में स्थिति इतनी खराब है कि लड़ाकू हेलीकॉप्टरों को उड़ान भरनी पड़ रही है और दंगाइयों को डराने के लिए फाइटर प्लेन का सहारा लिया जा रहा है। इस बीच, एक महत्वपूर्ण घटना सामने आई है।


पाकिस्तान के आर्मी चीफ की अमेरिका यात्रा

पाकिस्तान के आर्मी चीफ, फील्ड मार्शल आसिम मुनीर, अमेरिका की यात्रा पर जा रहे हैं। अमेरिका ने उन्हें जल्दी बुलाया है, लेकिन यह यात्रा उनके लिए कठिनाई भरी साबित होने वाली है। आसिम मुनीर की वजह से अमेरिका को जो नुकसान हुआ है, उसकी जिम्मेदारी उन्हें उठानी होगी।


ट्रंप का न्योता

ट्रंप प्रशासन ने 14 जून को वॉशिंगटन डीसी में अमेरिकी सेना की 250वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित आर्मी डे परेड के लिए जनरल मुनीर को आमंत्रित किया है। पाकिस्तानी दूतावास के सूत्रों के अनुसार, मुनीर गुरुवार को अमेरिका पहुंचेंगे। यह आमंत्रण भारत के प्रति किसी विशेष रुख से अधिक अमेरिका-चीन प्रतिस्पर्धा और पाकिस्तान की रणनीतिक स्थिति से जुड़ा हुआ है।


भारत के ऑपरेशन का असर

भारत द्वारा पाकिस्तान में किए गए ऑपरेशन सिंदूर से अमेरिका को हुए नुकसान का ब्यौरा आसिम मुनीर से मांगा जाएगा। अमेरिका जानना चाहता है कि एफ-16 और नूरखां एयरबेस का क्या हुआ है, साथ ही उन परमाणु हथियारों के बारे में भी जानकारी चाहिए जो पाकिस्तान भारत को धमकी देने के लिए इस्तेमाल करता रहा है।


अमेरिका की चिंता

कई रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान के पास जो परमाणु बम हैं, वे वास्तव में उसके नहीं हैं। अमेरिका ने भारत पर दबाव बनाने के लिए अपने परमाणु हथियार पाकिस्तान में रखे हैं। यह स्थिति अमेरिका के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि पाकिस्तान ने अपने बलबूते पर कभी भी प्रभावी ढंग से कोई तकनीकी विकास नहीं किया है।