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अमेरिका में बढ़ते तनाव के बीच ट्रंप ने नेशनल गार्ड को तैनात किया

अमेरिका में लॉस एंजेलिस में हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं, जहां राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ नेशनल गार्ड को तैनात किया है। इमीग्रेशन एंड कस्टम इंफोर्समेंट (आईसीई) द्वारा अवैध प्रवासियों की धरपकड़ के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। ट्रंप और एलन मस्क के बीच बढ़ती टकराव की स्थिति ने माहौल को और गर्म कर दिया है। जानें इस घटनाक्रम के पीछे की पूरी कहानी और ट्रंप के ताजा बयान।
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अमेरिका में बढ़ते तनाव के बीच ट्रंप ने नेशनल गार्ड को तैनात किया

क्या अमेरिका में सिविल वॉर जैसी स्थिति बन रही है?

क्या अमेरिका में सिविल वॉर जैसी स्थिति बन रही है? लॉस एंजेलिस की सड़कों पर नेशनल गार्ड, आंसू गैस, प्रदर्शन, आगजनी और राष्ट्रपति ट्रंप की चेतावनी। क्या यह सिर्फ इमीग्रेशन का मामला है या अमेरिका में कुछ बड़ा हो रहा है? वर्तमान में, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क के बीच टकराव देखने को मिल रहा है। कभी ट्रंप के करीबी माने जाने वाले मस्क अब उनके प्रमुख आलोचक बन गए हैं। दोनों के बीच सोशल मीडिया पर जुबानी जंग भी चल रही है। इस बीच, लॉस एंजेलिस में स्थिति बेहद तनावपूर्ण हो गई है। प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच जबरदस्त टकराव हो रहा है। आंसू गैस का इस्तेमाल किया जा रहा है और गाड़ियों को आग के हवाले किया जा रहा है। इसके बाद, राष्ट्रपति ट्रंप ने 2000 नेशनल गार्ड्स को शहर में तैनात करने का आदेश दिया है। 


हंगामे की शुरुआत कैसे हुई?

अमेरिका की इमीग्रेशन एजेंसी, इमीग्रेशन एंड कस्टम इंफोर्समेंट (आईसीई) ने लॉस एंजेलिस में कई स्थानों पर छापे मारे। इस कार्रवाई में 44 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जो कथित तौर पर अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे थे। जैसे ही ये गिरफ्तारियां हुईं, लोग सड़कों पर उतर आए और आईसीई के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। कई प्रदर्शनकारियों ने मेक्सिको का झंडा लहराया और उनके चेहरे मास्क से ढके हुए थे। कुछ स्थानों पर हिंसा भी हुई, जिसमें पत्थरबाजी, बोतलें फेंकना और गाड़ियों को आग लगाना शामिल था। जब दो दिन तक हालात काबू में नहीं आए, तो ट्रंप ने व्हाइट हाउस से एक बयान जारी किया। 


लॉस एंजेलिस में सेना की तैनाती

अमेरिका के लॉस एंजेलिस में अवैध प्रवासियों की धरपकड़ के लिए आईसीई के छापों के खिलाफ दंगे भड़क गए हैं। कई स्थानों पर आगजनी, पथराव और नारेबाजी की गई। राष्ट्रपति ट्रंप ने लॉस एंजेलिस में 2000 नेशनल गार्ड्स को तैनात किया है। इससे पहले, 1992 में लॉस एंजेलिस दंगों के दौरान तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने भी सेना को तैनात किया था। 


ट्रंप का दंगाइयों को कुचलने का बयान

शनिवार रात, ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'टूथ सोशल' पर एक पोस्ट में नैशनल गार्ड को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए बधाई दी और कहा कि दंगाइयों को हम कुचल देंगे। उन्होंने मेयर कैरेन बैस और गवर्नर न्यूसम पर तंज करते हुए कहा कि वे हालात को संभालने में असमर्थ हैं, ठीक उसी तरह जैसे जनवरी में लगी जानलेवा आग के दौरान हुआ था। नैशनल गार्ड को आमतौर पर स्थानीय प्रशासन के सहयोग से कठिन समय में बुलाया जाता है। गवर्नर न्यूसम ने ट्रंप के इस निर्णय का विरोध करते हुए कहा कि यह कदम जानबूझकर माहौल को और तनावपूर्ण बना रहा है। 


एक्टिव मरीन सैनिकों की तैनाती की चेतावनी

ट्रंप के डिफेंस सेक्रेटरी पीट हेगसेथ ने चेतावनी दी है कि अगर हिंसा जारी रही, तो पास के कैंप पेंडलटन से एक्टिव ड्यूटी पर तैनात मरीन सैनिकों को भी बुलाया जा सकता है। हालांकि, कानून विशेषज्ञ जेसिका लेविंसन ने कहा कि घरेलू पुलिसिंग में सेना का इस्तेमाल तभी किया जा सकता है जब विद्रोह जैसी स्थिति हो, इसलिए यह केवल एक धमकी लगती है। उन्होंने कहा, 'नैशनल गार्ड केवल लॉजिस्टिक और स्टाफ सपोर्ट ही प्रदान कर सकता है।'


गवर्नर न्यूसम का पलटवार

कैलिफोर्निया के गवर्नर न्यूसम ने आरोप लगाया कि ट्रंप सेना भेजकर तानाशाही कर रहे हैं। आईसीई की टीम ने लॉस एंजेलिस से अब तक 125 अवैध प्रवासियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से 44 लोगों को आगजनी के आरोप में पकड़ा गया है। एफबीआई निदेशक काश पटेल ने कहा कि नेशनल गार्ड्स पर हमले करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।