अमेरिका में भारतीय छात्र के साथ अमानवीय व्यवहार: क्या है इमिग्रेशन नीति का सच?

अमेरिका में इमिग्रेशन नीति पर बढ़ते विरोध
अमेरिका में इमिग्रेशन नीति को लेकर विरोध प्रदर्शन तेज़ी से बढ़ रहे हैं। लॉस एंजेलेस में हुए हिंसक प्रदर्शनों ने प्रशासन को हिलाकर रख दिया है, लेकिन अमेरिकी अधिकारियों का रुख अभी भी नहीं बदला है। हाल ही में नेवार्क इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एक भारतीय छात्र के साथ अमानवीय व्यवहार का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
वायरल वीडियो में छात्र की दयनीय स्थिति
इस वायरल वीडियो में एक भारतीय छात्र को अमेरिकी अधिकारियों द्वारा हथकड़ी लगाकर जमीन पर दबोचा गया है। छात्र रोते हुए कह रहा है कि वह 'पागल नहीं है', लेकिन अधिकारी उसकी बातों को अनसुना कर रहे हैं और उसे मानसिक रोगी के रूप में पेश करने की कोशिश कर रहे हैं।
कुणाल जैन ने उठाई आवाज़
भारतीय मूल के अमेरिकी बिजनेसमैन कुणाल जैन ने इस वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' (पूर्व में ट्विटर) पर साझा किया। उन्होंने लिखा, “मैंने न्यूअर्क एयरपोर्ट पर एक भारतीय छात्र को हथकड़ी में, अपराधी की तरह ट्रीट होते देखा है। वह अपने सपनों को पूरा करने आया था, किसी को नुकसान पहुंचाने नहीं। एक NRI के रूप में, मैं खुद को टूटा हुआ महसूस कर रहा हूं।” जैन ने यह भी बताया कि छात्र लगातार रोते हुए अधिकारियों से कह रहा था कि वह पागल नहीं है, फिर भी उसे दबोचकर मानसिक रोगी जैसा बर्ताव किया जा रहा था।
भारतीय दूतावास की प्रतिक्रिया
जैसे ही वीडियो वायरल हुआ, भारतीय दूतावास न्यूअर्क ने तुरंत संज्ञान लिया। एक आधिकारिक बयान में कहा गया, “हमें सोशल मीडिया पोस्ट्स से जानकारी मिली कि एक भारतीय नागरिक को नेवार्क एयरपोर्ट पर कठिनाई का सामना करना पड़ा है। हम स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में हैं और इस मामले की पूरी जांच की जा रही है। वाणिज्य दूतावास भारतीय नागरिकों के हित में पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।”
सोशल मीडिया पर गुस्सा और पुरानी घटनाएँ
इस घटना के सामने आते ही लोगों का गुस्सा सोशल मीडिया पर फूट पड़ा। कई यूज़र्स ने बताया कि यह कोई नई बात नहीं है, बल्कि अमेरिका के कई हिस्सों में अधिकारियों का बर्ताव अप्रवासियों के साथ कठोर और अपमानजनक होता जा रहा है। इससे पहले राष्ट्रपति ट्रंप के कार्यकाल में सैकड़ों भारतीयों को जबरन भारत भेजा गया था, जिनके हाथ-पैरों में हथकड़ियां थीं और उन्हें घसीटते हुए एयरपोर्ट तक ले जाया गया था।
अमेरिकी प्रशासन पर उठे सवाल
इस घटना ने एक बार फिर अमेरिकी इमिग्रेशन सिस्टम की संवेदनशीलता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जिस तरह एक निर्दोष छात्र को केवल शक के आधार पर अपराधी की तरह ट्रीट किया गया, उसने दुनियाभर के भारतीयों को झकझोर दिया है। अब देखना होगा कि भारतीय सरकार इस मुद्दे पर किस स्तर तक कार्रवाई करती है और क्या अमेरिकी प्रशासन इस शर्मनाक घटना की जवाबदेही लेगा।