अमेरिका में भारतीय पेशेवरों के लिए एच-1बी वीजा संकट: इंटरव्यू रद्द
एच-1बी वीजा रिन्यूअल में बाधा
वाशिंगटन: अमेरिका में कार्यरत हजारों भारतीय पेशेवरों के लिए एक गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। एच-1बी वीजा रिन्यूअल के लिए भारत लौटे इन पेशेवरों की पहले से निर्धारित इंटरव्यू अपॉइंटमेंट्स को अचानक रद्द कर दिया गया है। इस स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दिसंबर के दूसरे पखवाड़े में जिन आवेदकों के इंटरव्यू होने थे, उन्हें अब कई महीनों, और कुछ मामलों में तो अक्टूबर 2026 तक की नई तारीखें दी गई हैं। इस अप्रत्याशित निर्णय ने हजारों भारतीयों की नौकरी, पारिवारिक जीवन और भविष्य की योजनाओं को संकट में डाल दिया है।
वीजा प्रक्रिया में नई सख्ती
अमेरिकी प्रशासन द्वारा वीजा प्रक्रिया में लागू की गई नई सख्ती को इस अफरातफरी का मुख्य कारण माना जा रहा है। रिपोर्टों के अनुसार, अब वीजा आवेदकों की पृष्ठभूमि की जांच और सोशल मीडिया वेरिफिकेशन को पहले से कहीं अधिक गहराई से किया जा रहा है। इसी कारण से भारत में 15 दिसंबर के बाद के सभी एच-1बी वीजा इंटरव्यू स्थगित कर दिए गए हैं। अमेरिकी दूतावास ने स्पष्ट निर्देश जारी किया है कि जिन आवेदकों को रशेड्यूल की सूचना मिली है, वे अपनी पुरानी तारीख पर दूतावास न पहुंचें, क्योंकि उन्हें प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।
प्रभावित पेशेवरों की स्थिति
इस निर्णय का सबसे बड़ा प्रभाव उन पेशेवरों पर पड़ा है, जो इंटरव्यू के लिए पहले ही भारत आ चुके थे। वैध एच-1बी वीजा स्टैंप के अभाव में अब वे अमेरिका वापस नहीं लौट पा रहे हैं, जिससे उनकी नौकरियों को खतरा उत्पन्न हो गया है। कंपनियों को भी अपने प्रोजेक्ट्स में देरी का सामना करना पड़ रहा है। एच-1बी के अलावा अन्य वीजा श्रेणियों पर भी इन नए नियमों का असर देखने को मिल रहा है। हालांकि, प्रभावितों की सही संख्या अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन इमिग्रेशन विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा दौर में वीजा स्टैंपिंग की प्रक्रिया पूरी तरह अनिश्चितता के भंवर में फंस गई है।
इमिग्रेशन वकील की प्रतिक्रिया
ह्यूस्टन स्थित इमिग्रेशन वकील एमिली न्यूमैन ने प्रशासन के इस कदम पर कड़ी नाराजगी जताते हुए इसे कर्मचारियों और कंपनियों के लिए एक बड़ी चुनौती बताया है। उनका कहना है कि मौजूदा प्रक्रिया में पारदर्शिता और भरोसे की भारी कमी आ गई है। उल्लेखनीय है कि डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन एच-1बी वीजा प्रोग्राम को लेकर शुरू से ही सख्त रवैया अपनाए हुए है। सोशल मीडिया गतिविधियों की गहन निगरानी और हाल ही में वीजा फीस को 1 लाख डॉलर तक बढ़ाने जैसे प्रस्ताव इसी सख्त इमिग्रेशन नीति का हिस्सा माने जा रहे हैं, जिसका सीधा खामियाजा भारतीय पेशेवरों को भुगतना पड़ रहा है।
