अमेरिका में महंगाई की नई चुनौतियाँ: ईरान के खतरे से तेल की कीमतों में वृद्धि
महंगाई से राहत का अंत?
अमेरिका में आम जनता को महंगाई से कुछ समय के लिए राहत मिली थी, लेकिन यह स्थिति अब स्थायी नहीं लग रही है। देश की अर्थव्यवस्था को एक बार फिर महंगाई का सामना करना पड़ सकता है। ईरान के तीन परमाणु संयंत्रों पर अमेरिकी हमलों के बाद, तेल और गैस की कीमतों में वृद्धि की संभावना बढ़ गई है। कच्चे तेल की कीमतें पहले ही पिछले पांच महीनों के उच्चतम स्तर पर पहुँच चुकी हैं। ईरान ने होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने की चेतावनी दी है, जो वैश्विक कच्चे तेल की आपूर्ति का 20% हिस्सा प्रदान करता है।तेल की कीमतों में 10% की वृद्धि
जनवरी से अमेरिका में तेल की कीमतें 80 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर नहीं गई हैं, जबकि अगस्त 2024 से ये सामान्यतः 60 से 75 डॉलर प्रति बैरल के बीच रही हैं। तेल की कीमतों में कमी के कारण कई क्षेत्रों में पेट्रोल की कीमतें 3 डॉलर प्रति गैलन से नीचे आ गई हैं, जिससे महंगाई से प्रभावित उपभोक्ताओं को थोड़ी राहत मिली है। हालाँकि, 13 जून को इजरायल के हमले के बाद से तेल की कीमतों में लगभग 10% की वृद्धि हुई है।
भविष्य की दिशा पर निर्भरता
तेल की कीमतों की भविष्यवाणी इस बात पर निर्भर करेगी कि ईरान होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने का निर्णय लेता है या नहीं। यह व्यापार का एक महत्वपूर्ण मार्ग है, जहाँ से दुनिया के कच्चे तेल का लगभग 20% व्यापार होता है। ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा है कि उनके पास अमेरिकी हमलों का जवाब देने के कई विकल्प हैं। ईरान के सर्वोच्च नेता के सलाहकार ने भी होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने का आह्वान किया है।
सैन्य हमलों की संभावना
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि ईरान होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने का निर्णय लेता है, तो उस पर सैन्य हमलों की संभावना बढ़ जाएगी। ईरान फारस की खाड़ी में तेल और गैस के संसाधनों को प्रभावित करने वाले बुनियादी ढांचे पर भी हमले कर सकता है। राष्ट्रपति ट्रंप को रोकने का एकमात्र तरीका तेल की बढ़ती कीमतों का डर पैदा करना है।