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अमेरिका में मानव तस्करी रैकेट के दोषियों को मिली कड़ी सजा, जानें पूरा मामला

अमेरिका के मिनेसोटा में एक अदालत ने मानव तस्करी के रैकेट में शामिल दो व्यक्तियों को सजा सुनाई है। इस रैकेट के कारण गुजरात के एक परिवार के चार सदस्यों की जान चली गई थी। जानें इस मामले की पूरी कहानी, जिसमें शामिल हैं तस्करी का नेटवर्क और परिवार की दुखद यात्रा।
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अमेरिका में मानव तस्करी रैकेट के दोषियों को मिली कड़ी सजा, जानें पूरा मामला

अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी रैकेट का मामला

मिनेसोटा, अमेरिका में एक अदालत ने मानव तस्करी के एक अंतरराष्ट्रीय रैकेट में शामिल दो व्यक्तियों को सजा सुनाई है। इस रैकेट के कारण भारत के गुजरात राज्य के डिंगुचा गांव के एक परिवार के चार सदस्यों की जान चली गई थी। जनवरी 2022 में, जब यह परिवार कनाडा से अमेरिका जाने का प्रयास कर रहा था, तब वे कड़ाके की ठंड में फंस गए, जिससे सभी की मृत्यु हो गई।


दोषियों को मिली सजा

भारतीय नागरिक हर्षकुमार रमनलाल पटेल, जिसे 'डर्टी हैरी' के नाम से भी जाना जाता है, को 10 साल 1 महीने की सजा सुनाई गई है। अमेरिकी न्याय विभाग के अनुसार, उसकी सजा पूरी होने के बाद उसे देश से निर्वासित किया जाएगा। पटेल के साथी, फ्लोरिडा निवासी स्टीव एंथनी शैंड को 6 साल 6 महीने की सजा और 2 साल की निगरानी में रिहाई की सजा दी गई है।


तस्करी का नेटवर्क

पटेल और शैंड एक संगठित तस्करी नेटवर्क का हिस्सा थे, जो भारतीय नागरिकों को फर्जी वीजा पर कनाडा लाते थे और फिर अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश कराते थे। अदालत में प्रस्तुत साक्ष्यों के अनुसार, पटेल ने कनाडा के मैनिटोबा से शिकागो तक मानव तस्करी की योजना बनाई थी, जबकि शैंड अमेरिकी सीमा से लोगों को उठाकर आगे ले जाता था।


मुकदमे का विवरण

मिनेसोटा के फर्गस फॉल्स स्थित संघीय अदालत में नवंबर 2023 में दोनों दोषियों पर चार-चार आरोपों में मुकदमा चला और उन्हें दोषी ठहराया गया। जज जॉन टुनहेम ने पटेल की सजा सुनाते समय कहा कि मामला पूरी तरह स्पष्ट था और फैसले को पलटने का कोई कारण नहीं था।


परिवार की दुखद कहानी

इस रैकेट के जरिए एक व्यक्ति को भारत से अमेरिका पहुंचाने की कीमत लगभग 1 लाख डॉलर (83 लाख रुपये) थी। इसी तस्करी के प्रयास में गुजरात के जगदीश पटेल, उनकी पत्नी वैशालीबेन, बेटी विहांगी (11) और बेटा धार्मिक (3) की जान चली गई। उनका शव 19 जनवरी 2022 को मैनिटोबा और मिनेसोटा की सीमा के पास मिला था।


बेहतर जीवन की तलाश

यह परिवार डिंगुचा गांव से था, जहां से कई लोग बेहतर जीवन की तलाश में अवैध तरीकों से विदेश जाते हैं। जगदीश पटेल बिजली के उपकरण बेचते थे और परिवार ने विदेश यात्रा को छुट्टी का रूप देने के लिए घर को वैसा ही छोड़ा था। उनकी अंतिम यात्रा का पता 12 जनवरी को कनाडा के लिए रवाना होने के बाद लगा, जब परिजन उनसे संपर्क नहीं कर पाए।