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अमेरिका में वीजा शुल्क में भारी वृद्धि, भारतीयों पर पड़ेगा बड़ा असर

अमेरिका ने वीजा नियमों में एक महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए 'वीजा इंटीग्रिटी फी' लागू करने का निर्णय लिया है, जिससे वीजा की लागत दोगुनी से अधिक हो सकती है। यह नया शुल्क 2026 से प्रभावी होगा और इसका सबसे बड़ा असर भारतीय छात्रों, पर्यटकों और आईटी पेशेवरों पर पड़ेगा। जानें इस नए नियम के पीछे का कारण और इसके संभावित प्रभाव के बारे में।
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अमेरिका में वीजा शुल्क में भारी वृद्धि, भारतीयों पर पड़ेगा बड़ा असर

वीजा नियमों में बदलाव

नई दिल्ली: अमेरिका में अध्ययन, यात्रा या कार्य करने का सपना देखने वाले भारतीयों के लिए एक चिंताजनक सूचना आई है। अमेरिका ने वीजा नियमों में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन करते हुए 'वीजा इंटीग्रिटी फी' नामक नया शुल्क लागू करने का निर्णय लिया है, जिससे वीजा की लागत दोगुनी से अधिक हो सकती है। यह नया नियम 2026 से प्रभावी होने की संभावना है और यह पर्यटकों, छात्रों, और तकनीकी पेशेवरों सहित सभी गैर-आप्रवासी वीजा आवेदकों पर लागू होगा।


‘वन बिग ब्यूटीफुल बिल’ क्या है?

रिपोर्टों के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति ने 4 जुलाई, 2025 को 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल' पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत यह नई फीस लागू की गई है। इस कानून के अनुसार, लगभग सभी गैर-आप्रवासी वीजा के लिए 250 डॉलर (लगभग 21,400 रुपये) की अतिरिक्त 'वीजा इंटीग्रिटी फी' चुकानी होगी। यह शुल्क एक प्रकार के सुरक्षा जमा के रूप में लिया जाएगा और इसे हर साल महंगाई के अनुसार बढ़ाया जाएगा, जिससे भविष्य में यह और भी महंगा हो सकता है।


किस वीजा पर पड़ेगा असर?

यह नई फीस बी1/बी2 (पर्यटक/बिजनेस), एफ/एम (छात्र), एच1बी (कार्य) और जे (एक्सचेंज) वीजा जैसी प्रमुख श्रेणियों पर लागू होगी। केवल राजनयिक (ए और जी श्रेणी) वीजा धारकों को इससे छूट मिलेगी।


वीजा शुल्क में वृद्धि का प्रभाव

इस वृद्धि के परिणामस्वरूप, वर्तमान में लगभग 185 डॉलर (लगभग 16,000 रुपये) की बी1/बी2 वीजा फीस, नई इंटीग्रिटी फीस और अन्य शुल्कों (जैसे आई-94 और ईएसटीए फीस) को मिलाकर लगभग 472 डॉलर (लगभग 40,456 रुपये) तक पहुंच सकती है। यह मौजूदा लागत से लगभग ढाई गुना अधिक है।


क्या यह शुल्क वापस मिलेगा?

सरकार का कहना है कि यह वीजा इंटीग्रिटी फीस कुछ शर्तों के साथ वापस की जा सकती है। इसके लिए आवेदक को अपने वीजा की अवधि समाप्त होने के पांच दिनों के भीतर अमेरिका छोड़ना होगा और इस दौरान वीजा विस्तार या स्थिति बदलने के लिए आवेदन नहीं करना होगा। हालांकि, ये शर्तें छात्रों और पेशेवरों के लिए काफी कठिन हो सकती हैं, जिनका वीजा कई वर्षों का होता है।


भारतीयों पर प्रभाव

इस निर्णय का सबसे अधिक प्रभाव भारतीय छात्रों, पर्यटकों और आईटी पेशेवरों पर पड़ेगा, जो हर साल बड़ी संख्या में अमेरिका जाते हैं। छात्रों के लिए, जो पहले से ही ट्यूशन फीस और रहने के भारी खर्च का सामना कर रहे हैं, यह अतिरिक्त शुल्क एक बड़ा झटका होगा। आव्रजन सलाहकारों का मानना है कि इस वृद्धि के कारण लोग कनाडा, ऑस्ट्रेलिया या यूरोपीय देशों की ओर रुख कर सकते हैं।


शुल्क लगाने का कारण

ट्रंप प्रशासन का तर्क है कि यह शुल्क वीजा नियमों का पालन सुनिश्चित करने और अवैध प्रवासन को रोकने के लिए लाया गया है। सरकार का मानना है कि इससे लोग वीजा की शर्तों का उल्लंघन करने से बचेंगे। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम वैध रूप से यात्रा करने वाले आम लोगों, विशेषकर भारत जैसे विकासशील देशों के नागरिकों के लिए एक बड़ी वित्तीय बाधा उत्पन्न करेगा। इस घोषणा के बाद 2025 के अंत तक वीजा आवेदनों में भारी भीड़ बढ़ने की संभावना है, क्योंकि लोग नई फीस लागू होने से पहले अपना वीजा सुरक्षित करना चाहेंगे।