अमेरिका में वॉर्ड साकेइक का भयावह अनुभव: नागरिकता के बिना जीवन की कठिनाइयाँ

साउदी अरब में जन्मी वॉर्ड का अमेरिका में अनुभव
साउदी अरब में जन्मी वॉर्ड साकेइक, जो किसी भी देश की नागरिकता नहीं रखती, ने अमेरिका में एक भयानक अनुभव का सामना किया। आठ साल की उम्र से अमेरिका में रह रही वॉर्ड एक सफल वेडिंग फ़ोटोग्राफ़र हैं और हाल ही में उन्होंने अमेरिकी नागरिक ताहिर से विवाह किया। लेकिन हनीमून से लौटने के बाद, उन्हें अमेरिकी इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट (ICE) ने हिरासत में ले लिया। रिहा होने के बाद, उन्होंने अमेरिकी प्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
गिरफ्तारी के बाद की स्थिति
वॉर्ड ने बताया कि गिरफ्तारी के तुरंत बाद उन्हें ग्रे ट्रैकसूट पहनाया गया और उनके पैरों में बेड़ियां डाल दी गईं। उन्हें तीन अलग-अलग डिटेंशन सेंटर्स में ले जाया गया, जहां की स्थिति बेहद खराब थी। जब उन्हें पहली बार ट्रांसफर किया गया, तब वे रमज़ान के रोज़े में थीं और उन्हें 16 घंटे तक भूखा-प्यासा बस में बैठाया गया। ड्राइवर खुद चिक-फिल-ए खा रहा था, जबकि महिलाएं पानी मांगने के लिए दरवाजे पर दस्तक दे रही थीं। अंततः, उन्होंने वॉशरूम के पास बैठकर रोज़ा तोड़ा।
प्रेयरीलैंड डिटेंशन सेंटर की स्थिति
प्रेयरीलैंड डिटेंशन सेंटर में हालात बेहद खराब
प्रेयरीलैंड डिटेंशन सेंटर में स्थिति अत्यंत खराब थी। वॉर्ड ने बताया कि वहां बिस्तरों पर जंग लगी थी, शौचालय गंदे थे और जगह-जगह कीड़े-मकोड़े घूमते रहते थे। "लड़कियों को कीड़ों ने काटा, कई बीमार पड़ गईं। सफाई की कोई व्यवस्था नहीं थी," उन्होंने कहा। उनका कहना है कि उन्हें जानवरों की तरह रखा गया और उनके मानवाधिकार पूरी तरह से छीन लिए गए।
गिरफ्तारी का कारण
क्यों हुई गिरफ्तारी?
वॉर्ड और उनके पति ने यूएस वर्जिन आइलैंड्स में हनीमून मनाने का निर्णय लिया था, क्योंकि यह अमेरिका का हिस्सा है और इसके लिए पासपोर्ट की आवश्यकता नहीं होती। लेकिन वापसी पर मियामी एयरपोर्ट पर उन्हें इंटरनेशनल ट्रैवलर मानते हुए रोक लिया गया। अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने वीज़ा की अवधि पार कर दी थी और उनके खिलाफ पहले से डिपोर्टेशन ऑर्डर था। हालांकि, वॉर्ड ने लगातार ICE के साथ चेक-इन किया और अमेरिकी प्रणाली का पालन किया।
स्टेटलेस वॉर्ड साकेइक का जीवन
क्यों हैं स्टेटलेस वॉर्ड साकेइक?
वॉर्ड साकेइक का जन्म सऊदी अरब में एक ग़ज़ा मूल के परिवार में हुआ, लेकिन सऊदी अरब में विदेशी माता-पिता के बच्चों को नागरिकता नहीं दी जाती। 8 साल की उम्र में उनका परिवार अमेरिका आया और शरण मांगी, जो अस्वीकार कर दी गई। इसके बावजूद, उन्हें अमेरिका में 'ऑर्डर ऑफ सुपरविजन' के तहत रहने की अनुमति मिली और काम करने का अधिकार मिला। उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की और हाल ही में शादी की थी। वह ग्रीन कार्ड की प्रक्रिया में थीं, जब यह हादसा हुआ।
महिलाओं के लिए आवाज़ उठाने का संकल्प
रिहा होने के बाद, वॉर्ड ने कहा कि वह उन महिलाओं के लिए आवाज़ उठाना चाहती हैं जिन्हें बेहतर जीवन की तलाश में अमेरिका में अमानवीय हालात झेलने पड़ते हैं। "हम अपराधी नहीं हैं, बस एक बेहतर ज़िंदगी की उम्मीद लिए यहां आए हैं। लेकिन हमें इंसान नहीं समझा गया। हमें 'कमतर' माना गया, सिर्फ इसलिए कि हम अपने लिए एक सुरक्षित भविष्य चाहते थे।" अब वॉर्ड का लक्ष्य है कि वह बाकी डिटेंशन में बंद महिलाओं की मदद करें और अमेरिका की इमिग्रेशन व्यवस्था में सुधार की दिशा में काम करें.