अमेरिकी अदालत ने ट्रंप के टैरिफ को बहाल किया

फेडरल अपील कोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला
वॉशिंगटन। अमेरिका की फेडरल अपील कोर्ट ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ को बहाल करने का निर्णय लिया है, जो कि यूएस इंटरनेशनल ट्रेड कोर्ट द्वारा पहले असंवैधानिक करार दिए गए थे। एक दिन पहले, ट्रेड कोर्ट ने ट्रंप के टैरिफ पर स्थायी रोक लगाने का आदेश दिया था। इस फैसले को ट्रंप प्रशासन ने फेडरल सर्किट की अपीलीय कोर्ट में चुनौती दी, जिसे स्वीकार कर लिया गया। इसके परिणामस्वरूप, निचली अदालत के आदेश पर अस्थायी रोक लग गई है, जिसका अर्थ है कि ट्रंप द्वारा दुनिया के एक सौ से अधिक देशों पर लगाए गए टैरिफ अब भी लागू रहेंगे।
यह ध्यान देने योग्य है कि 28 मई को मैनहट्टन की फेडरल कोर्ट ऑफ इंटरनेशनल ट्रेड के तीन जजों की बेंच ने टैरिफ पर रोक लगाते हुए कहा था कि ट्रंप ने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया और संविधान के दायरे से बाहर जाकर ये टैरिफ लागू किए। अदालत ने यह भी कहा कि ट्रंप ने इंटरनेशनल इमरजेंसी इकोनॉमिक पावर्स एक्ट का गलत इस्तेमाल किया, जो राष्ट्रपति को आपातकालीन स्थितियों में विशेष निर्णय लेने का अधिकार देता है। लेकिन, ट्रंप ने बिना ठोस कारण के इन शक्तियों का उपयोग किया।
अदालत ने स्पष्ट किया, ‘राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर व्यापार साझीदारों पर भारी टैरिफ लगाया। अमेरिकी संविधान दूसरे देशों के साथ व्यापार को नियंत्रित करने का अधिकार संसद को देता है। लेकिन ट्रंप ने अपने विशेष अधिकारों को संविधान से ऊपर रखकर टैरिफ पर निर्णय लिया। राष्ट्रपति के विशेष अधिकारों का मतलब यह नहीं है कि किसी भी परिस्थिति को इमरजेंसी का नाम देकर मनमाने तरीके से निर्णय लिए जाएं।’