अमेरिकी अदालत ने ट्रंप के लिबरेशन डे टैरिफ्स को फिर से बहाल किया
ट्रंप के टैरिफ्स की बहाली
ट्रंप टैरिफ्स का पुनर्स्थापन: एक अपीलीय अदालत ने गुरुवार को पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लागू किए गए लिबरेशन डे टैरिफ्स को अस्थायी रूप से बहाल कर दिया है। यह निर्णय उस ट्रेंड कोर्ट के आदेश के एक दिन बाद आया, जिसने इन टैरिफ्स को अवैध मानते हुए रोक दिया था। अदालत ने ट्रंप प्रशासन की आपात याचिका को स्वीकार करते हुए कहा कि टैरिफ्स को हटाने से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
पुराने टैरिफ्स का अस्थायी कार्यान्वयन
फेडरल सर्किट की कोर्ट ऑफ अपील्स ने एक संक्षिप्त आदेश जारी कर अंतर्राष्ट्रीय व्यापार अदालत के फैसले पर रोक लगा दी है। इस निर्णय के तहत ट्रंप द्वारा लगाए गए व्यापक टैरिफ्स, जिनमें कनाडा, मैक्सिको और चीन से होने वाले आयात पर शुल्क शामिल हैं, फिर से प्रभावी हो गए हैं।
ट्रेड कोर्ट का निर्णय और ट्रंप का पलटाव
बुधवार को इंटरनेशनल ट्रेड कोर्ट ने यह निर्णय सुनाया था कि ट्रंप ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए टैरिफ्स लगाए हैं, जिसके चलते अधिकांश टैरिफ्स को तुरंत प्रभाव से हटाने का आदेश दिया गया था। इस फैसले में 'लिबरेशन डे' टैरिफ्स भी शामिल थे।
ट्रंप की प्रतिक्रिया
पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने इस निर्णय की तीखी आलोचना की और Truth Social पर इसे "बहुत गलत और पूरी तरह से राजनीतिक" करार दिया। उन्होंने उम्मीद जताई कि सुप्रीम कोर्ट जल्द ही इस "भयानक और देश को खतरे में डालने वाले फैसले" को पलटेगा।
व्हाइट हाउस की प्रतिक्रिया
व्हाइट हाउस के आर्थिक सलाहकार केविन हैसेट ने कहा कि अगले एक-दो सप्ताह में कई व्यापार समझौतों को अंतिम रूप दिया जा सकता है। उन्होंने बताया कि उन्हें तीन प्रस्तावों की जानकारी मिली है, हालांकि देशों के नाम का खुलासा नहीं किया गया।
व्हाइट हाउस के ट्रेड एडवाइजर पीटर नवारो ने कहा कि अदालत की रोक के चलते टैरिफ्स लागू हैं और प्रशासन अन्य देशों के साथ बातचीत कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि प्रशासन को कोर्ट में हार मिलती है, तो वे टैरिफ लगाने के अन्य विकल्पों पर विचार करेंगे।
