अमेरिकी अदालत ने ट्रम्प के टैरिफ को अवैध ठहराया, व्यापार नीति में बदलाव की संभावना

अमेरिकी अदालत का महत्वपूर्ण फैसला
अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय व्यापार अदालत ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा लगाए गए अधिकांश आयात शुल्क को अवैध घोषित करते हुए उन पर स्थायी रोक लगा दी है। अदालत ने अपने निर्णय में कहा कि राष्ट्रपति ने संविधान में निर्धारित सीमाओं का उल्लंघन किया है और व्यापार नीति में हस्तक्षेप करते हुए अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर चले गए हैं।
संविधान के अनुसार व्यापार नियंत्रण
अदालत ने स्पष्ट किया कि अमेरिका के संविधान के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय व्यापार को नियंत्रित करने का विशेषाधिकार केवल कांग्रेस के पास है। यह अधिकार राष्ट्रपति को आपातकालीन शक्तियों के तहत भी नहीं दिया जा सकता। ट्रम्प प्रशासन ने अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्तियों अधिनियम (IEEPA) का हवाला देते हुए टैरिफ लगाए थे, जो अदालत के अनुसार गलत था।
न्यायालय की टिप्पणी
न्यायालय की टिप्पणी
तीन न्यायाधीशों की पीठ ने कहा, “हम राष्ट्रपति के टैरिफ लगाने के तरीके की बुद्धिमत्ता या उसके परिणामों पर निर्णय नहीं दे रहे हैं। यह प्रतिबंध इसलिए लगाया गया है क्योंकि कानून ऐसा करने की अनुमति नहीं देता।” अदालत ने ट्रम्प द्वारा जनवरी से लागू सभी टैरिफ आदेशों को तुरंत प्रभाव से रद्द कर दिया।
अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
अदालत के इस निर्णय के बाद अमेरिकी डॉलर की कीमत में वृद्धि देखी गई और वॉल स्ट्रीट के वायदा बाजार व एशियाई शेयर बाजारों में तेजी आई। इससे व्यापारियों और कंपनियों को राहत मिली, जिन्हें ट्रम्प के अचानक लिए गए टैरिफ निर्णयों से नुकसान हुआ था।
व्यापारिक समुदाय की याचिका
व्यापारिक समुदाय और राज्यों की याचिका
यह फैसला उन दो मुकदमों के आधार पर आया, जो छोटे व्यापारियों और 12 अमेरिकी राज्यों द्वारा दायर किए गए थे। इनमें न्यूयॉर्क का एक शराब आयातक और वर्जीनिया स्थित शैक्षणिक सामग्री निर्माता शामिल थे। इनका तर्क था कि टैरिफ के कारण उनका कारोबार प्रभावित हुआ है।
व्हाइट हाउस की प्रतिक्रिया
व्हाइट हाउस की प्रतिक्रिया और अपील
हालांकि, व्हाइट हाउस ने इस फैसले का विरोध करते हुए कहा कि व्यापार घाटा एक राष्ट्रीय आपात स्थिति है, जिससे अमेरिकी नौकरियों और रक्षा क्षमताओं को नुकसान पहुंचा है। ट्रम्प प्रशासन ने अदालत के निर्णय के तुरंत बाद अपील दायर की और न्यायालय की अधिकारिता पर भी सवाल उठाए।
विश्लेषकों की राय
गोल्डमैन सैक्स जैसे विश्लेषकों का मानना है कि यह फैसला ट्रम्प की टैरिफ नीति को एक झटका देता है, लेकिन इससे अमेरिका के प्रमुख व्यापारिक भागीदारों के साथ समझौते की दिशा में अंतिम परिणाम में बहुत अंतर नहीं आ सकता।