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अमेरिकी कोर्ट ने ट्रंप के विदेशी छात्रों पर बैन को रोका, हार्वर्ड को मिली राहत

अमेरिकी कोर्ट ने ट्रंप प्रशासन द्वारा हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में विदेशी छात्रों के दाखिले पर लगाए गए प्रतिबंध को रोक दिया है। इस फैसले से हजारों अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को राहत मिली है, जो अमेरिका में अध्ययन करने की योजना बना रहे हैं। न्यायाधीश ने कहा कि यह कदम विश्वविद्यालय की स्वायत्तता और छात्रों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। हार्वर्ड ने इस आदेश के खिलाफ अदालत में अपील की थी, जिसमें कहा गया था कि यह असंवैधानिक है।
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अमेरिकी कोर्ट ने ट्रंप के विदेशी छात्रों पर बैन को रोका, हार्वर्ड को मिली राहत

ट्रंप प्रशासन के फैसले पर कोर्ट की फटकार

डोनाल्ड ट्रंप: ट्रंप प्रशासन द्वारा हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में विदेशी छात्रों के दाखिले पर लगाए गए प्रतिबंध पर अदालत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। सुनवाई के बाद, कोर्ट ने छात्रों को नामांकन जारी रखने की अनुमति दी है। इससे पहले, बुधवार को इंटरनेशनल ट्रेड कोर्ट ने ट्रंप के टैरिफ संबंधी निर्णय पर भी रोक लगाई थी। अदालत ने स्पष्ट रूप से कहा कि ट्रंप को इस मामले में अधिकार नहीं है। भर्ती पर रोक लगाने के आदेश को निरस्त करते हुए कोर्ट ने बताया कि यह छात्रों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।


छात्रों के लिए महत्वपूर्ण राहत

छात्रों को बड़ी राहत


इस निर्णय से हजारों अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को राहत मिली है, जो आगामी शैक्षणिक सत्र में अमेरिका आने की योजना बना रहे हैं। न्यायाधीश एलिसन बरोघ्स ने अपने आदेश में कहा कि ट्रंप प्रशासन का यह कदम विश्वविद्यालय की स्वायत्तता और छात्रों के मौलिक अधिकारों के खिलाफ है। उन्होंने अस्थायी रूप से आदेश पर रोक लगाते हुए कहा कि जब तक इस पर विस्तृत कानूनी समीक्षा नहीं होती, तब तक हार्वर्ड को विदेशी छात्रों के दाखिले पर रोक लगाने का आदेश नहीं दिया जा सकता है।


मामले का विवरण

क्या है मामला?


ट्रंप प्रशासन ने एक निर्देश जारी किया था जिसमें हार्वर्ड और अन्य विश्वविद्यालयों को विदेशी छात्रों की गतिविधियों, सोशल मीडिया पोस्ट्स और किसी भी 'गैरकानूनी या चरमपंथी प्रवृत्ति' की रिपोर्ट अमेरिकी एजेंसियों को देने का आदेश दिया गया था। यदि विश्वविद्यालय इस आदेश का पालन नहीं करता, तो विदेशी छात्रों को दाखिला देने की अनुमति रद्द की जा सकती थी।


हार्वर्ड का अदालत में कदम

कोर्ट पहुंचा हार्वर्ड


हार्वर्ड ने इस आदेश के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया और तर्क दिया कि यह आदेश न केवल असंवैधानिक है, बल्कि इससे विश्वविद्यालय की वैश्विक छवि और शैक्षणिक स्वतंत्रता को भी नुकसान होगा।


निर्णय की प्रक्रिया

30 दिनों का समय देना जरूरी


यूनिवर्सिटी ने कोर्ट में दलील दी कि ट्रंप प्रशासन का यह निर्णय अचानक लिया गया है। नियमों के अनुसार, ऐसे निर्णयों के लिए विश्वविद्यालय को कारण बताने की आवश्यकता होती है और कम से कम 30 दिनों का समय देना अनिवार्य है।